राजस्थान विधानसभा ने 12 साल तक की उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी की सजा देने वाला ऐतिहासिक बिल पर मुहर लग गई है। मध्य प्रदेश के बाद ऐसा करने वाला राजस्थान भारत का दूसरा राज्य बन गया है।
गौरतलब है कि गृहमंत्री की ओर से दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक-2018 विधानसभा के पटल पर रखा जा चुका था। विधानसभा में शुक्रवार को चर्चा के बाद इस ऐतिहासिक बिल पर मुहर लग गयी। हालांकि, विधानसभा में पारित बिल को पहले राज्यपाल और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही यह कानून लागू होगा। इस प्रक्रिया में 2 से 3 माह का वक्त लग सकता है।
इस कानून के अंतर्गत आईपीसी में धारा 376 ए जोड़ी जा रही है जिसमें 12 साल तक की बालिका से जो कोई दुष्कर्म करेगा उसे मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। गृह विभाग के अनुसार प्रदेश में बच्चियों के दुष्कर्म के हर साल औसतन 1300 से ज्यादा प्रकरण दर्ज हो रहे हैं। इनमें कम उम्र की बच्चियों की संख्या भी काफी है। जनवरी, 2013 से दिसंबर, 2017 तक प्रदेश में बच्चियों से दुष्कर्म के कुल 6519 मामले दर्ज किए गए हैं।
गौरतलब है कि गृहमंत्री की ओर से दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक-2018 विधानसभा के पटल पर रखा जा चुका था। विधानसभा में शुक्रवार को चर्चा के बाद इस ऐतिहासिक बिल पर मुहर लग गयी। हालांकि, विधानसभा में पारित बिल को पहले राज्यपाल और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही यह कानून लागू होगा। इस प्रक्रिया में 2 से 3 माह का वक्त लग सकता है।
इस कानून के अंतर्गत आईपीसी में धारा 376 ए जोड़ी जा रही है जिसमें 12 साल तक की बालिका से जो कोई दुष्कर्म करेगा उसे मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। गृह विभाग के अनुसार प्रदेश में बच्चियों के दुष्कर्म के हर साल औसतन 1300 से ज्यादा प्रकरण दर्ज हो रहे हैं। इनमें कम उम्र की बच्चियों की संख्या भी काफी है। जनवरी, 2013 से दिसंबर, 2017 तक प्रदेश में बच्चियों से दुष्कर्म के कुल 6519 मामले दर्ज किए गए हैं।

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