रविवार, 4 मार्च 2018

सीपी जोशी पर नहीं रहा कांग्रेस को

पूर्वोत्तर के राज्यों के नतीजों में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है। त्रिपुरा और नागालैंड में तो कांग्रेस खाता भी नहीं खोल सकी वहीं मेघालय में 21 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन बहुमत के लिए अभी भी 10 और विधायकों की जरूरत है। ऐसे में कांग्रेस ने शनिवार को अपने दो वरिष्ठ नेताओं को मेघालय भेज दिया है।

कांग्रेस के पूर्वोत्तर के प्रदर्शन के बाद से ही वहां के पार्टी प्रभारी इन्चार्ज जनरल सेक्रेटरी सीपी जोशी के इलेक्शन मैनेजमेंट पर सीधे सवाल उठने शुरू हो गये हैं। अधिकांश बड़े नेताओं ने उन्हें हार के लिए जिम्मेदार माना है।


कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा ने यहां तक कहा है कि सीपी जोशी को ये सोचना चाहिए कि क्या कारण रहा कि कांग्रेस नागालैण्ड में 8 सीट से जीरो और त्रिपुरा में 10 सीट से जीरो पर आ गयी।


सीपी जोशी के इंचार्ज रहते कांग्रेस असम विधानसभा में 78 सीटों से घटकर 27 सीटों पर आ गयी थी और कांग्रेस को सरकार से हाथ धोना पड़ा था। इसके बाद ऐसा ही नतीजा मणिपुर में आया जब 42 सीटों से घटकर कांग्रेस की 28 सीटें रह गयी थीं। हालांकि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी लेकिन सरकार बनाने की गणित में कांग्रेस फेल हो गयी थी जिसके बाद 0 से 21 सीटों पर पहुंची भाजपा ने जोड़तोड़ कर अपनी सरकार बना ली थी।

मेघालय में कांग्रेस 21 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी तो बनी है लेकिन यहां भी भाजपा के नेता दावा कर रहे हैं कि वो एनपीपी और अन्य के साथ मिलकर सरकार बना सकती है। यही कारण है कि कांग्रेस ने भी केवल सीपी जोशी पर भरोसा नहीं दिखाते हुए दिल्ली से कमलनाथ और अहमद पटेल को मेघालय भेजा है ताकि एक बार फिर मणिपुर की पुनरावृत्ति ना हो जाए।

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