राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा में कांग्रेस की जीत के बाद प्रदेश कांग्रेस में अजीब स्थिति बन गई हैं। उपचुनावों में हार के बाद जहां राजस्थान में भाजपा पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी है। तो वहीं दूसरी ओर इन चुनावों में जीत के बाद कांग्रेस ढीली पड़ गई है।
कांग्रेस उपचुनावों में जीत के बाद किस तरह से ढीली पड़ रही है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेसियों ने राहुल गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट शक्ति को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया।
दरअसल शक्ति प्रोजेक्ट के तहत कांग्रेस ने नया सदस्यता अभियान चलाया था लेकिन आलम यह है कि राजस्थान कांग्रेस के कई बड़े नेता ही इस प्रोजेक्ट से नहीं जुड़े हैं। आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में अभी तक करीब 32 हजार लोग शक्ति प्रोजेक्ट से जुड़ें हैं। इनमें राजधानी जयपुर के 4500 लोग शामिल हैं।
30 मार्च तक एक लाख लोगों को जोड़ने का था दावा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने 8 मार्च को इस प्रोजेक्ट को राजस्थान में लांच करते हुए कहा था कि वो एआईसीसी के अधिवेशन से पहले ही करीब 1 लाख लोगों को इस कार्यक्रम से जोड़ेंगे। अब एआईसीसी का अधिवेशन खत्म हो गया है लेकिन कांग्रेस अपने टारगेट से बहुत पीछे है।
वहीं हैरानी की बात यह है कि राजधानी जयपुर में कांग्रेस के 9000 पदाधिकारी हैं लेकिन अभी तक वहां से सिर्फ 4500 लोग ही जुड़े हैं। ये हालात तो तब हैं जब प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडे खुद इस प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं को सीधे मैसेज कर रहे हैं।
कांग्रेस उपचुनावों में जीत के बाद किस तरह से ढीली पड़ रही है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेसियों ने राहुल गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट शक्ति को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया।
दरअसल शक्ति प्रोजेक्ट के तहत कांग्रेस ने नया सदस्यता अभियान चलाया था लेकिन आलम यह है कि राजस्थान कांग्रेस के कई बड़े नेता ही इस प्रोजेक्ट से नहीं जुड़े हैं। आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में अभी तक करीब 32 हजार लोग शक्ति प्रोजेक्ट से जुड़ें हैं। इनमें राजधानी जयपुर के 4500 लोग शामिल हैं।
30 मार्च तक एक लाख लोगों को जोड़ने का था दावा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने 8 मार्च को इस प्रोजेक्ट को राजस्थान में लांच करते हुए कहा था कि वो एआईसीसी के अधिवेशन से पहले ही करीब 1 लाख लोगों को इस कार्यक्रम से जोड़ेंगे। अब एआईसीसी का अधिवेशन खत्म हो गया है लेकिन कांग्रेस अपने टारगेट से बहुत पीछे है।
वहीं हैरानी की बात यह है कि राजधानी जयपुर में कांग्रेस के 9000 पदाधिकारी हैं लेकिन अभी तक वहां से सिर्फ 4500 लोग ही जुड़े हैं। ये हालात तो तब हैं जब प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडे खुद इस प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं को सीधे मैसेज कर रहे हैं।

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