जयपुर । उंतराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भाजपा प्रदेश कार्यालय, जयपुर में प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले 5 वर्ष में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के कारण विश्व पटल पर भारत का सम्मान बढ़ा है। पहले जहाँ मोदी को अमेरिका ने वीजा देने से मना कर दिया था वहीं अब रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत कर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था जहाँ पहले 11वें स्थान पर थी अब वहीं 6वें स्थान पर आ गई है। साथ ही विकास दर भी 7.03 प्रतिशत पर पहुँच गई है।
रावत ने कहा कि सेना और सरकार के पास संसाधन पहले भी वही थे लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव था, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वहीं इच्छाशक्ति दिखाई और अब तो हालात यह है कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान और चीन पूरे विश्व में अलग-थलग पड़ गए है। ‘‘एन्टी सेटेलाईट मिसाईल’’ अर्थात् ‘‘मिशन शक्ति’’ की सफलता के बाद भारत अन्तरिक्ष में भी मजबूत हुआ है। दुनिया के तमाम देशों में भारत अपनी कूटनीति के कारण मजबूत हुआ है।
रावत ने कहा कि देश में 55 वर्ष में 12 करोड़ लोगों तक रसाई गैस पहुँची तथा पिछले लगभग 55 महीने में लगभग 13 करोड़ लोगों को नये गैस कनैक्शन दिये गये। इनमें से 7 करोड़ कनैक्शन निःशुल्क है। पिछले 55 महीने में 10 करोड़ से अधिक शौचालय बनाये गये है। यूपीए के 2009-2014 के शासनकाल में 25 लाख घर बनाये गये, वहीं दूसरी ओर 2014-2019 के भाजपा शासन में 1 करोड़ 30 लाख घर बनाये गये।
रावत ने कहा कि इन्दिरा गाँधी ‘‘कांग्रेस लाओ-गरीबी हटाओ’’ कहती थी, राजीव गाँधी ‘‘कांग्रेस का हाथ-गरीब के साथ’’ कहते थे और अब राहुल गाँधी भी गरीबी हटाने की बात कहते है। कांग्रेस केवल गरीबी की बात करती है, उसे हटाने के लिए काम नहीं करती।
रावत ने उंतराखण्ड में उनकी सरकार द्वारा किए गए प्रमुख विकास कार्यों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वहाँ पर्यटन में भारी बढ़ोतरी हुई है। पहले एक वर्ष में लगभग 2 करोड़ 80 लाख पर्यटक उंतराखण्ड आते थे, अब यह संख्या बढ़कर 7 करोड़ से अधिक हो गई है। अब चारधाम में व्यवस्थाओं को सुधारा जा रहा है साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग का गठन किया गया है।
रावत ने कहा कि उंतराखण्ड में चीड के वृक्ष से बिजली उत्पन्न कर महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करवाए जा रहे है। केदारनाथ धाम में समस्याओं पर उनका कहना था कि वहाँ फिलहाल 32 फुट बर्फ जमीं हुई है ऐसे मे व्यवस्थाओं के अनुसार ही श्रद्धालुओं को वहाँ जाने की अनुमति दी जा रही है और किसी भी आपदा में फंसने पर श्रद्धालुओं को एयर लिफ्ट कर लाने की सुविधा दी गई है।

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