वैसे, किसी नेता पर जूता उछालने का यह कोई नया मामला नहीं है। ' शू स्ट्राइक ' के लिए सिर्फ भारत ही प्रख्यात नहीं है, विदेशों में भी कई बड़े नेताओं को जूता प्रकरण से रूबरू होना पड़ा है।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के बीच दिल्ली से बड़ी खबर आयी है। खबर यह है कि दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक शख्स ने जूता फेंका है। भाजपा मुख्यालय में पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य जीवीएल नरसिम्हा राव पर जूता फेंका गया है। भोपाल सीट से साध्वी प्रज्ञा सिंह को प्रत्याशी बनाये जाने पर जीवीएल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। तभी हॉल में मौजूद एक शख्स शक्ति भार्गव ने जूता फेंका। वहां पर मौजूद लोगों ने शक्ति भार्गव को पकड़ लिया है।
बताया जाता है कि जूता फेंकने वाला शख्स शक्ति भार्गव कानपुर का रहने वाला है और पेशे से डॉक्टर है। वह हॉल में सबसे आगे बैठा था। जब जीवीएल नरसिम्हा राव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, तभी शख्स ने उनपर जूता फेंक दिया। यह जूता जीवीएल के चेहरे को छूते हुए निकल गया। मौके पर मौजूद लोगों ने शख्स को पकड़ लिया। उसे पुलिस को सौंपा गया है। आईपी एस्टेट पुलिस स्टेशन पर जूता फेंकने वाले शख्स से पुलिस पूछताछ कर रही है।
वैसे, किसी नेता पर जूता उछालने का यह कोई नया मामला नहीं है। दिमाग पर थोड़ा जोर डालें, तो इस तरीके की बेइज्जती की शुरुआत अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश से हुई थी। बगदाद में दिसंबर 2008 में एक प्रेस वार्ता के दौरान जॉर्ज बुश जूनियर को एक इराकी संवाददाता मुंतदार अल जैदी ने अपने दोनों पैरों के जूते फेंक कर मारे थे। यह दीगर बात है कि किसी कुशल खिलाड़ी की तरह जॉर्ज बुश बड़ी सफाई से दोनों जूतों से बच निकले। उस घटना के बाद से ही अपनी नाखुशी जाहिर करने के लिए नेताओं पर जूता फेंक कर मारने का चलन शुरू हुआ। अपने देश भारत की बात करें, तो यहां भी कई नेताओं पर जूते चले हैं।आइए एक नजर डालें ऐसी ही कुछ बड़ी घटनाओं पर, जिसमें नेताओं पर जूता चलाकर लोगों ने अपनी भड़ास निकालने की कोशिश की।
मनमोहन सिंह
यूपीए की तरफ से प्रधानमंत्री का दो कार्यकाल पूरा करनेवाले डॉ मनमोहन सिंह पर 2009 में अहमदाबाद में एक चुनावी सभा के दौरान जूता फेंक कर मारा गया। हालांकि उन तक जूता पहुंचा ही नहीं। इस घटना के बाद भी वह भाषण देते रहे। हितेश चौहान नामक युवक ने यह जूता फेंका था।
लालकृष्ण आडवाणी
भारतीय जनता पार्टी के भीष्म पितामह एल . के . आडवाणी भी जूता प्रकरण से बच नहीं पाये हैं। अप्रैल 2009 में जब एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी दौरे पर थे, तब उन पर चप्पल चलायी गई थी। घटना मध्य प्रदेश के कटनी में हुई थी। उस समय आडवाणी एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन पर चप्पल फेंकने वाला भाजपा का ही कार्यकर्ता पावस अग्रवाल था। बताया गया कि वह आडवाणी के जिन्ना प्रेम से दुखी था।
पी चिदंबरम
यूपीए सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री और गृह मंत्री रह चुके पी चिदंबरम 2009 में नयी दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे, जब एक बड़े अखबार के प्रतिनिधि ने उन पर जूता फेंक कर मारा था। उस समय चिदंबरम जगदीश टाइटलर को सीबीआई की ओर से क्लीन चिट दिये जाने पर बोल रहे थे। यह पत्रकार उनसे संतुष्ट नहीं हुआ और विरोध करते हुए उनके ऊपर जूता फेंक दिया।
उमर अब्दुल्ला
नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर 2010 में एक पुलिस अधिकारी ने जूता फेंक कर मारा था। स्वतंत्रता दिवस समारोह में शिरकत करने के दौरान उमर पर जूता फेंका गया।
राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर 2012 में देहरादून में एक रैली के दौरान जूता फेंक कर मारा गया। इसके बाद 2016 में भी राहुल गांधी पर एक और जूता फेंक कर मारा गया था।
जीतन राम मांझी
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को जनवरी 2015 में जूता फेंक कर मारा गया था। मांझी पर जूता उस समय उछाला गया जब वह पटना में अपने निवास पर जनता दरबार में लोगों से मिल रहे थे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल संभवतः अकेली ऐसी बड़ी राजनीतिक शख्सियत हैं, जिनपर जूता सहित, थप्पड़, मिर्च पाउडर, स्याही तक से मार खानी पड़ी है।
विदेशों में भी हुई हैं ऐसी घटनाएं
'शू मिसाइल' के लिए सिर्फ भारत ही प्रख्यात नहीं है, विदेशों में भी कई बड़े नेताओं को जूता प्रकरण से रूबरू होना पड़ा है। ऐसी ही अंतरराष्ट्रीय स्तर की घटनाओं पर
जॉर्ज डब्ल्यू बुश जूनियर
बगदाद में दिसंबर 2008 में एक प्रेस वार्ता के दौरान इराकी पत्रकार जैदी ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति पर जूता फेंक कर मारा था।
टोनी ब्लेयर
एक किताब के लोकार्पण के सिलसिले में डबलिन आयरलैंड गये ब्रिटिश प्रधानमंत्री पर तो जूते के साथ अंडे भी फेंक कर मारे गये। यह घटना सितंबर 2010 की है। दुर्भाग्य की बात यह रही कि इस घटना के अगले ही दिन ब्लेयर पर दोबारा जूतों, अंडों और खाली बोतलों से हमला किया गया।
परवेज मुशर्रफ
कराची के एक वकील तजम्मुल लोधी ने मार्च 2013 में पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ पर जूता फेंक कर मारा था। वह पाकिस्तान में लोकतंत्र की हत्या के लिए मुशर्रफ को दोषी मानता था।
मा यिंग झियू
चीनी राष्ट्रपति मा यिंग झियू का जूता खाने के मामले में रिकॉर्ड अभी तक कोई नहीं तोड़ पाया है। उन्हें एक-दो बार नहीं, 2013 में साल भर में नौ बार अलग-अलग जगहों पर जूता खाना पड़ा।

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