सीपीआई की ओर से कहा गया है कि दूरदर्शन ने भाषण से ‘आरएसएस’ एवं ‘फासीवादी विचारधारा’ जैसे शब्दों को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए हटाने के लिए कहा है। पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार के इशारे पर ऐसी पक्षपातपूर्ण कार्रवाई हो रही है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने दूरदर्शन पर प्रसारण के लिए पार्टी के चुनाव अभियान वक्तव्य से कुछ शब्दों को हटाने से इनकार करते हुए कहा है कि पार्टी इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करेगी।
सीपीआई के सचिव बिनय विस्वम ने बीते गुरुवार को प्रसार भारती की पुनरीक्षण समिति के उस निर्देश पर आपत्ति जताई जिसमें पार्टी को अपने चुनाव अभियान के वक्तव्य से ‘आरएसएस’ एवं ‘फासीवादी विचारधारा’ जैसे शब्दों को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए हटाने के लिए कहा गया है।
उल्लेखनीय है कि सभी राजनीतिक दलों को आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारण के लिए चुनाव अभियान का वक्तव्य पढ़ने का समय दिया जाता है। इसके तहत सीपीआई की ओर से विस्वम को वक्तव्य पढ़ने के लिए अधिकृत किया गया है।
विस्वम ने बताया कि आकाशवाणी पर वक्तव्य के प्रसारण की रिकॉर्डिंग हो चुकी है जबकि दूरदर्शन ने कुछ ऐसे शब्दों पर आपत्ति जताते हुए इन्हें हटाने के लिए कहा है, जो पार्टी की विचारधारा और प्रचार अभियान के अभिन्न अंग हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘प्रसार भारती भाजपा की मोदी सरकार के इशारे पर इस तरह की पक्षपात पूर्ण कार्रवाई कर रहा है। हम अपने वक्तव्य में बदलाव नहीं करेंगे। पार्टी इसकी चुनाव आयोग से लिखित शिकायत करेगी।’
उन्होंने बताया कि प्रसार भारती ने अपने निर्देश में कहा है कि आरएसएस कोई राजनीतिक दल नहीं है इसलिए वक्तव्य में इसका इस्तेमाल अनुचित है। विस्वम ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की आज़ादी और जनता के बीच अपनी विचारधारा को प्रकट करने का राजनीतिक दलों के अधिकार का उल्लंघन है।
इस दौरान सीपीआई के महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने भाजपा द्वारा मालेगांव हमला मामले में जमानत पर रिहा की गईं आरोपी साध्वी प्रज्ञा को भाजपा द्वारा भोपाल से उम्मीदवार बनाए जाने पर भी आपत्ति जताई।
रेड्डी ने आरोप लगाया कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादी मामलों के आरोपियों को राजनीति में लाने की शुरुआत कर दी है।
उन्होंने कहा, ‘यह शर्मनाक है और देश की जनता को इससे भाजपा और मोदी के वास्तविक चेहरे को पहचानना चाहिए।’
रेड्डी ने चुनाव के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं के ख़िलाफ़ आयकर सहित विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार चुनाव तंत्र का इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने चुनाव आयोग पर इस तरह के मामलों में उपयुक्त कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। रेड्डी ने कहा कि चुनाव आयोग को सभी राजनीतिक दलों के प्रति एक समान तटस्थ रवैया अपना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें