जयपुर। लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी मतदान केंद्र की 200 मीटर की परिधि में अपना बूथ स्थापित नहीं कर सकेगा। मतदान केंद्र के बाहर बूथ लगाने के इच्छुक उम्मीदवारों को इसकी सूचना अग्रिम रूप से रिटर्निंग अधिकारी को लिखित रूप में देनी होगी। इसके अलावा उम्मीदवार को बूथ लगाने से पूर्व स्थानीय प्राधिकारी जैसे नगर निगम, नगरपालिका, पंचायत समिति आदि से भी अनुमति प्राप्त करनी होगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न करवाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस संदर्भ में जारी किए गए दिशा-निर्देश सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक बूथ में केवल एक मेज व दो कुर्सियां रखने की अनुमति होगी। मतदान केंद्र पर बनाए जाने वाले बूथ में बैठने वाले दो व्यक्तियों को मौसम के मिजाज के अनुसार छत्तरी अथवा कपड़ा लगाने की अनुमति होगी, लेकिन बूथ के चारों तरफ किसी प्रकार की कनात या टेंट आदि लगाने पर पाबंदी रहेगी।
कुमार ने बताया कि प्रत्येक बूथ पर प्रत्याशी एवं राजनीतिक दल के नाम व चुनाव चिह्न लिखा एक बैनर ही लगा सकेगा। बैनर की लंबाई तीन फुट और चौड़ाई साढे़ चार फुट से अधिक नहीं होनी चाहिए। इन नियमों का उल्लंघन करने वाले प्रत्याशी का बैनर सक्षमअधिकारियों द्वारा हटवाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्र पर बनाए जाने वाले बूथ पर किसी भी स्थिति में भीड़ जमा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बूथ पर तैनात व्यक्ति किसी भी मतदाता को मतदान केंद्र में जाने या अन्य प्रत्याशी के बूथ में जाने से नहीं रोकेंगे एवं ऎसा कोई गतिरोध पैदा नहीं करेंगे जिससे मतदाता को स्वतंत्र रूप से मताधिकार का प्रयोग करने में किसी प्रकार की दिक्कत आए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान के दिन किसी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी के नाम या चुनाव चिन्ह अंकन वाली पर्चियां मतदान केन्द्र एवं उसके 200 मीटर की परिधि के भीतर ले जाना प्रतिबंधित है। केवल ऎसी सादा पर्चियां जिसमें मतदाता की भाग संख्या एवं क्रम संख्या और मतदाता का नाम का उल्लेख है वे मतदान केंद्र के भीतर ले जाई जा सकती हैं।
कुमार ने कहा कि मतदान के दिन मतदान केंद्र एवं उसके 100 मीटर की परिधि के भीतर चुनाव ड्यूटी के अधिकारियों को छोड़कर अन्य कोई व्यक्ति मोबाइल फोन या कॉर्डलैस फोन या वायरलैस सेट आदि नहीं ले जा सकता। इसके साथ ही मतदान केंद्र से अनाधिकृत रूप से कागज पत्र ले जाना भी अपराध माना जाएगा।उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार के कानून का उल्लंघन होने पर और उसकी सत्यता प्रकट होने पर आयोग द्वारा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा सकती है।


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