मंगलवार, 19 सितंबर 2017

भाजपा और कांग्रेस दोनों के एक जैसे हालात हैं।

भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के नेता अपने शीर्ष नेतृत्व को संकट में डाल रहे हैं। अपनी बयानबाजी की वजह से इन नेताओं ने पार्टी के लिए मुश्किल पैदा की है। कांग्रेस में पहले से ऐसे नेता रहे हैं, जो अनाप शनाप बयान देते रहे हैं। भाजपा में ऐसे नेताओं की कमी थी, लेकिन अब वहां भी एक जैसे हालात हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा कि 2012 के बाद कांग्रेस और यूपीए सरकार में अहंकार आ गया था। उस अहंकार के प्रतीक चेहरे कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी थे। सिब्बल ने संचार घोटाले में जीरो लॉस की थ्योरी दी, जिससे कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। और मनीष तिवारी ने अन्ना हजारे को सिर से पैर तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ बताया, जिसके बाद तिवारी काफी समय तक बियाबान में भटकते रहे थे।
दिग्विजय सिंह हमेशा से बड़बोलेपन के प्रतीक रहे हैं। अब तिवारी और दिग्गी राजा ने फिर से कांग्रेस की मुश्किल बढ़ाई है। दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना में बारी बारी से एक ही पोस्ट ट्विट की, जिसमें बेहद असभ्य और अश्लील भाषा का इस्तेमाल था। इससे सोशल मीडिया का सारा रुख ही बदल गया। जहां पेट्रोल, डीजल के दाम और महंगाई, रोजगार को लेकर सरकार घिरी थी, वहां कांग्रेस को गालियां पड़ने लगीं।
इससे पहले केंद्र सरकार के एक मंत्री केजे अल्फोंस ने अपने बयानों से सरकार और भाजपा को मुश्किल में डाला था। उन्होंने मंत्री बनने के बाद बीफ खाने को लेकर कई बयान दिए। वे पर्यटन मंत्री हैं और उन्होंने विदेशी मेहमानों से कहा कि वे अपने देश से बीफ खाकर भारत में घूमने आएं। इसके बाद उन्होंने नया मुल्ला ज्यादा प्याज खाता है, इस कहावत को सही ठहराते हुए पेट्रोल और डीजल के दामों में हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी को सही ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि गाड़ी रखने वाले भूखे लोग नहीं हैं, जो कर नहीं चुका सकते। वे ऐसे ही बयान देते रहे तो भाजपा को विरोधियों की जरूरत नहीं रह जाएगी।

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