ये सवाल है कि आखिर अमीर लोग अमीर कैसे बनते हैं? इसका जवाब विशेषज्ञों ने ढूंढने की कोशिश की है। इस बारे में एक रिपोर्ट हाल में बीबीसी की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई। उसके मुताबिक हम में से अधिकतर के पास जब बचा हुआ पैसा होता है, उससे अक्सर हम आधुनिकतम गैजेट्स या शेयर या म्यूचुअल फंड ख़रीद लेते हैं।लेकिन अमीर लोग ऐसा नहीं करते। वे अक्सर अपना पैसा उन क्षेत्रों में लगाते हैं जिनके बारे में आम लोग बस ख़्वाब देखते हैं।आख़िर ये अमीर लोग अपना पैसा वहां लगाते हैं, जिससे वो हमेशा अमीर बने रहते हैं। मसलन, जोशुआ कोलमैन के परिवार ने 2004 में शिकागो स्थित टेलीकॉम कंपनी 40 करोड़ डॉलर में बेची। कोलमैन ने आपाधापी नहीं दिखाई, बल्कि वो ऐसे उपायों का पता लगाने लगीं कि इस 'अमीरी' को बचाए रखते हुए कैसे और तरक़्क़ी हो।नया कारोबार शुरू करने की कोलमैन की इच्छाशक्ति रंग लाई। वर्ष 2011 में वो 27 बरस की थीं, जब उन्होंने मूमेंटम एडवांस प्लानिंग नाम की कंपनी शुरू की, जो लोगों को टैक्स, क़ानूनी और धन से जुड़े मसलों पर सलाह देती है।
अगर वे किसी दिन इस कारोबार को बेचती हैं, तो वह मोटा मुनाफ़ा पा सकती हैं। कोलमैन कहती हैं- इसे अल्फ़ा जोखिम कहा जाता है। इसमें असीम मुनाफ़ा हासिल करने की गुंजाइश रहती है। ऐसा नहीं है कि नया कारोबार मुनाफ़े की गारंटी है। इसमें नुक़सान होने की संभावना परंपरागत कारोबार के मुक़ाबले कहीं अधिक होती है।अमीर लोग उन क्षेत्रों में निवेश करते हैं, जिनके बारे में अधिकतर लोगों को पता ही नहीं होता।
इसमें रकम कम से कम पांच साल तक निवेशित रहती है, लेकिन अंत में अच्छा मुनाफ़ा मिलता है।
लंदन स्थित फ़्लेमिंग फ़ैमिली एंड पार्टनर्स के सीईओ इयान मार्श ने बीबीसी को बताया कि उनके ग्राहक डॉरिक नामक कंपनी में निवेश करते हैं, जो निवेशकों के पैसे से विमान ख़रीदती है और इन्हें प्रतिष्ठित एयरलाइंस को किराए पर देती है। विमान किराए पर देने से निवेशकों को सालाना 9 प्रतिशत तक का ब्याज मिल जाता है जबकि अमेरिकी शेयर बाज़ारों का औसतन रिटर्न लगभग 3 प्रतिशत है।दुनियाभर में भोजन की मांग में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए इसमें निवेश फ़ायदेमंद है।अमीर आर्ट, कारों, घड़ियों, शराब, वाइन और यहां तक कि संगीत उपकरणों में सीधे या फिर फंड के ज़रिए भी निवेश करते हैं जिनसे कई साल बाद अच्छा रिटर्न मिलता है।
अमीर लोग सिर्फ़ एक ही कारोबार में निवेश नहीं करते। उनकी नज़रें विभिन्न कारोबारों पर रहती हैं।कोलमैन ने भी कई अन्य कंपनियों में निवेश किया, ये वे कंपनियां थीं, जो पेशेवर सेवाओं और तकनीकी क्षेत्र से जुड़ी थीं।कारोबार में निवेश का दायरा इस कदर फैला हुआ है कि कोलमैन इन कंपनियों की संख्या भी नहीं बता सकीं।हालांकि निवेशकों को पैसा डूबने का जोखिम बना रहता है।'द गस्ट गाइड टू मेकिंग मनी एंड हैविंग फन इन स्टार्ट्सअप' के लेखक डेविड रोस कहते हैं- नई शुरू होने वाली क़रीब आधी कंपनियां ठप हो जाती हैं- लेकिन जो कंपनी सफल होती है वे शुरुआती निवेश पर 20 से 50 गुना तक मुनाफ़ा देती हैं।
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