पटना : कांग्रेस के लिए ये एक बुरी खबर हो सकती है. खासकर उस राज्य से जहां पार्टी ने कुछ समय पहले ही अपनी पुरानी स्थिति में सुधार किया है. बात बिहार की हो रही है. यहां पार्टी को कई चुनावों के मुकाबले पिछले चुनाव में बड़ी सफलता मिली थी. यहां पार्टी के 27 विधायक जीते थे. कांग्रेस सरकार में भी शामिल थी, लेकिन अब ये सब पुरानी बातें हो चुकी हैं. कांग्रेस यहां भी सत्ता से बाहर हो चुकी है. लेकिन कांग्रेस आलाकमान के लिए बुरी खबर ये है कि पार्टी अब यहां टूट की कगार पर पहुंच चुकी है. इन्हीं आशंकाओं के बीच राहुल गांधी ने बिहार के विधायकों से मुलाकात की. लेकिन जहां करीब 10 विधायकों ने उनसे मुलाकात की, तो कुछ विधायक ऐसे भी थे, जिन्होंने राहुल से मिलने से ही मना कर दिया.
राहुल गांधी ने बिहार के 11 विधायकों से मुलाकात की थी. इन विधायकों ने राहुल से कहा कि पार्टी को आरजेडी का साथ छोड़ देना चाहिए. और अगर ऐसा नहीं हुआ तो पार्टी को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी. लेकिन कांग्रेस की मुसीबतें यहीं खत्म नहीं होतीं, पार्टी के छह विधायकों ने दिल्ली आकर राहुल से मिलने से इनकार कर दिया. इन विधायकों का कहना है कि वे बाढ़ से प्रभावित अपने विधानसभा क्षेत्र में व्यस्त हैं. बिहार में कांग्रेस के पास इस समय 27 विधायक हैं. इनमें से 19 विधायक ऐसे हैं जो पार्टी छोड़ना चाहते हैं. कुछ समय पहले इनके एक प्रतिनिधि ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. लेकिन सोनिया ने विधायकों से लालू यादव के साथ मिलकर चलने की नसीहत दे डाली.
बिहार कांग्रेस में टूट को लेकर चल रही अटकलों को बल महागठबंधन के बिखराव के बाद मिला. क्योंकि बिहार कांग्रेस नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करने में नरम रवैया अपनाया जा रहा है. साथ ही बिहार में राजद के मंत्रियों को तो बंगला खाली करने का नोटिस तो थमा दिया गया. लेकिन कांग्रेस कोटे के मंत्रियों में से अशोक चौधरी और अवधेश कुमार सिंह से बंगला अब तक खाली नहीं करवाया गया.
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