गुरुवार, 21 सितंबर 2017

एआईसीसी में अफरातफरी मची है

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बनाए एक नियम से कांग्रेस में अफरातफरी मची है। बताया जा रहा है कि उन्होंने तय किया है कि अब एक प्रभारी महासचिव के जिम्मे एक ही राज्य होगा और उसके साथ तीन-चार सचिव होंगे, जो सह प्रभारी का काम करेंगे। सो, अब पुराने महासचिवों से प्रभार लेकर दूसरे नेताओं को दिया जा रहा है। पुराने महासचिवों को हटाए बगैर कई नए महासचिव बन गए हैं और उनके साथ दर्जन भर से ज्यादा सचिव बन गए हैं। अब इन सबके लिए पार्टी मुख्यालय 24, अकबर रोड में बैठने की जगह ही नहीं है। अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, सुशील शिंदे, बीके हरिप्रसाद, कमलनाथ जैसे वरिष्ठ नेताओं को कमरा साझा करना पड़ रहा है। कांग्रेस के जानकार नेताओं का कहना है कि यह संकट और बढ़ने वाला है क्योंकि बड़ी संख्या में नहीं नियुक्तियां होने वाली हैं। राहुल गांधी एक एक करके कई और राज्यों के प्रभारी महासचिव नियुक्ति करने वाले हैं। अभी सीपी जोशी तीन बड़े राज्यों- बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के साथ साथ पूर्वोत्तर के सभी राज्यों का काम देख रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन राज्यों के लिए कम से कम तीन नए महासचिव नियुक्त होंगे और सात-आठ सचिव बनेंगे, जो सह प्रभारी के तौर पर काम करेंगे। इन नए महासचिवों के लिए भी एआईसीसी में कमरे की जरूरत होगी। राहुल ने एक और नया नियम बनाया है, जिसके तहत वे युवाओं को और बिल्कुल नए लोगों को संगठन में ला रहे हैं। पहले कांग्रेस के 40-50 नेताओं का एक पूल था, जिसमें से संगठन चलाने के लिए पदाधिकारी चुने जाते थे। राहुल ने इस पूल को बड़ा कर दिया है। अब वे बिल्कुल नए चेहरे इंट्रोड्यूस कर रहे हैं। इससे भी कांग्रेस मुख्यालय में भीड़ बढ़ी है। बताया जा रहा है कि कुछ लोग 24, अकबर रोड की बजाय 15, गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर बने वार रूम में बैठाए जाएंगे और मीडिया से जुड़े पदाधिकारी साउथ एवेन्यू के एक फ्लैट से काम करेंगे। 


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