शनिवार, 16 सितंबर 2017

कालेधन का पनाहगाह अब स्विट्जरलैंड नहीं, कहां है भारतीयों का नया ठिकाना

नई दिल्ली,। देश की अर्थव्यवस्था के बराबर चलनेवाली समानांतर ब्लैक इकनॉमी पर मोदी सरकार के कड़े प्रहार के बाद इसका व्यापक असर देखा जा रहा है। लेकिन, अगर इसकी बात करें तो काले धन में पिछले करीब एक दशक में जबरदस्त इजाफा हुआ है। साल 2007 से 2015 के बीच कालेधन में लगभग 90 फीसदी का इजाफा हुआ।
स्विट्जरलैंड नहीं, बदला गया अब कालेधन का सुरक्षित ठिकाना
यानि, साल 2015 तक जो आंकड़ा मौजूद है उसके मुताबिक, काला धन दुनियाभर में 62.9 बिलियन डॉलर (4 लाख करोड़ रूपये) हो गया जो दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का करीब 3.1 प्रतिशत है। इसके साथ ही, कल तक कालेधन के ठिकाने के तौर पर स्विट्जरलैंड को सबसे माकूल माना जाता था तो वहीं अब ये ठिकाना भारतीय लोगों के लिए बदल चुका है।
एशियाई देश बना कालेधन का पनाहगाह
करीब 53 फीसद से ज्यादा भारतीय अब अपने कालेधन को एशियाई देशों में ही ठिकाने लगा रहे हैं। ये देश हैं- हांगकांग, मकाऊ, सिंगापुर, बहरीन और मलेशिया। स्विस बैंक में भारतीयों के साल 2007 में 58 फीसदी धन जमा था जो अब यह घटकर सिर्फ 31 फीसदी रह गया है। ये बातें उस वक्त सामने आयी जब पहली बार पहली बार बेसल बेस्ड बैंक ऑफ इंटरनेशनल सैट्लमेंट्स (बीआईएस) ऑन बायलैट्रल फॉरेन की तरफ से जारी आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। हालांकि, पिछले साल तक बीआईएस की तरफ से इस तरह के आंकड़े जारी नहीं किए जाते थे।               2007 के बाद दुनिया में कालेधन में 54 फीसदी का इजाफा
नेशनल ब्यूरो ऑफ इकॉनोमिक रिसर्च के नए आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए यूसीएलए के अर्थशास्त्री गैब्रिएल जुकमैन और नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ लाइफ साइंस के उनके सहकर्मी एनेट एल्स्टर्ड्स और कोपनहेगन यूनिवर्सिटी के नील्स जोहान्सन ने बताया कि दुनिया में कुल काले धन करीब 8.6 ट्रिलियन डॉलर था जो कि वैश्विक जीडीपी का करीब 11.6 फीसदी था। 2007 के बाद इसमें 54 प्रतिशत का भारी इजाफा हुआ है। इसमें गैर वित्तीय संपत्तियां जैसे आर्ट, रियल स्टेट शामिल नहीं हैं।
पिछले दिनों पनामा पेपर्स लीक केस सामने आने, स्विट्जरलैंड की तरफ से कालेधन को लेकर पारदर्शिता की दिशा में काम करने और भारत में इसके खिलाफ लगातार सख्ती किए जाने के बाद अब लोग दूसरे देशों की तरफ रुख कर रहे हैं। इन देशों में हांगकांग और सिंगापुर शामिल हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें