भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सभी सहयोगी पार्टियों को चिंता में डाल दिया है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की भाजपा विस्तार यात्रा के दौरान जैसी गतिविधियां हो रही हैं, उसे देख कर सहयोगी पार्टियां हैरान परेशान हैं। ऐसा लग रहा है कि सारी तैयारी भाजपा के अकेले चुनाव लड़ने की है। या कम से कम इन तैयारियों और गतिविधियों से सहयोगी पार्टियों के ऊपर दबाव बनाने का मकसद है ताकि वे दब कर रहें।
भाजपा के जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्टी हर राज्य में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि गठबंधन नहीं तोड़ा जाएगा, पर उसके भरोसे भी पार्टी नहीं बैठी रहेगी। सो, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और यहां तक कि आंध्र प्रदेश में भी भाजपा अपने को मजबूत करने और सारी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पिछले हफ्ते तीन दिन के लिए झारखंड में थे। उन्होंने पार्टी नेताओं से लोकसभा की सभी 14 और विधानसभा की 81 सीटों पर तैयारी करने को कहा है। हर सीट पर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से उन्होंने मुलाकात की है। इससे राज्य में भाजपा की सहयोगी आजसू की चिंता बढ़ी है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पिछले चुनाव में भाजपा ने आजसू से तालमेल करके लड़ा था और आजसू की ताकत का अंदाजा हो गया है। सो, इस बार संभव है कि आजसू से तालमेल न हो या उसे कम से कम सीटें दी जाएं। तभी आजसू ने भी अपने असर वाली सीटों पर तैयारी शुरू कर दी है।
इसी तरह महाराष्ट्र में भाजपा ने शिवसेना को बहुत स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह अकेले चुनाव लड़ सकती है। उसने अभी से ज्यादा सीटों की मांग और ज्यादा सीटों पर तैयारी शुरू कर दी है। शिवसेना छोड़ कर कांग्रेस में गए पूर्व मुख्यमंत्री और मजबूत मराठा नेता नारायण राणे को भी इसी मकसद से पार्टी में लाने की चर्चा हो रही है। उधर आंध्र प्रदेश में भाजपा का आधार मजबूत नहीं है, लेकिन टीडीपी के मुकाबले पार्टी को मजबूत करने के लिए मशहूर तेलुगू अभिनेता पवन कल्याण को पार्टी में लाने या उनकी पार्टी के साथ तालमेल की चर्चा है। जाहिर है भाजपा वहां भी अपनी ताकत बढ़ा रही है।
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