गुरुवार, 28 सितंबर 2017

भाजपा के सभी नेता बार बार दोहराते हैं कि यह सरकार गरीब कल्याण के लिए समर्पित है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के चार करोड़ घरों में डेढ़ साल से कम समय में बिजली पहुंचाने की घोषणा की है। उन्होंने गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने की अपनी सरकार की उज्ज्वला योजना का एक तरह से विस्तार किया है। उसी योजना की तरह गरीबों के घर में मुफ्त बिजली का कनेक्शन पहुंचाया जाएगा और बाकी लोगों के घरों में भी बहुत कम पैसे लेकर बिजली पहुंचाई जाएगी। बिजली पहुंचाने की योजना 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा होगी। इस योजना को लांच करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपना यह संकल्प भी दोहराया कि उनकी सरकार गरीब कल्याण के लिए समर्पित है।
प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के मंत्री व भाजपा के सभी नेता यह बात बार बार दोहराते हैं कि यह सरकार गरीब कल्याण के लिए समर्पित है। हालांकि ऐसा नहीं है कि सरकार की शुरुआत इस एजेंडे के साथ हुई थी। केंद्र में मोदी की सरकार आने के बाद विपक्ष ने और खास कर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सूट बूट की सरकार का जो आरोप लगाया, उसके बाद सरकार की नीतियां बदलीं।
प्रधानंमत्री मोदी ने समाजवादी और साम्यवादी आर्थिकी के कुछ पन्ने उधार लेकर उन पर अमल शुरू कर दिया। यूपीए की विफलता का स्मारक बताते बताते मोदी की सरकार ने मनरेगा में फंडिंग बढ़ा दी। सस्ते अनाज की योजना को जारी रखा और उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों को मुफ्त में रसोई गैस का कनेक्शन बांटा। नोटबंदी भी इसी योजना का हिस्सा थी और जीएसटी भी इसी का हिस्सा है। राजस्व की चोरी रोकना या रोकने का प्रयास करने का मैसेज देना गरीब कल्याण की राजनीति का ही हिस्सा है।
उज्ज्वला और सौभाग्य योजना
उज्ज्वला और सौभाग्य ये दो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे लोक लुभावन योजना है। उज्ज्वला योजना के तहत अब तक दो करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को मुफ्त में गैस कनेक्शन मिली है। अगले डेढ़ साल में इसी तरह चार करोड़ घरों में बिजली कनेक्शन देने का फैसला हुआ है। इसके आगे क्या सरकार गरीबों के घरों में गैस की सस्ती रिफीलिंग कराएगी और सस्ती बिजली देगी?
ऐसा कई जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में या चुनाव की घोषणा से ठीक पहले इसका ऐलान हो सकता है। आखिर सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा कर जो पैसा इकट्ठा किया है, वह सामाजिक विकास की योजनाओं पर ही तो खर्च होना है।
सो, यह संभव है कि उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन और सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन लेने वालों को आधे दाम पर गैस और बिजली मिले। गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले सभी परिवार इसके दायरे में आ सकते हैं। देश की आर्थिक संकट में आती दिख रही है। लगातार कई तिमाहियों से विकास दर कम हो रही है, निर्यात का आंकड़ा नकारात्मक हो रहा है, निवेश नहीं आ रहा है और वित्तीय घाटा भी बढ़ रहा है। इसे ठीक करने के लिए कहा जा रहा है कि सरकार घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देने जा रही है। लेकिन इसके बावजूद लोक लुभावन घोषणाओं पर अमल होगा। क्योंकि यह माना जाता है कि आर्थिकी संभालना और वोट हासिल करना ये दोनों अलग अलग चीजें हैं।
तभी कहा जा रहा है कि आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने और सख्त फैसले की बात करते करते मोदी सरकार भी लोक भावन घोषणाओं की ओर मुड़ गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बिजली पहुंचाने की सौभाग्य योजना का ऐलान किया तो कम से कम दो राज्य सरकारों ने आगे बढ़ कर इसका श्रेय लिया। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने कहा कि मोदी अब अरविंद केजरीवाल की तरह राजनीति करने लगे हैं। सबसे पहले केजरीवाल ने गरीबों के लिए बिजली की दर आधी की थी। उधर नीतीश कुमार की पार्टी के एक नेता ने दावा किया कि सौभाग्य योजना बिहार सरकार के हर घर को बिजली पहुंचाने की योजना के तर्ज पर शुरू हुआ है।

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