प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास सबका कच्चा चिट्ठा है। ऐसा वे खुद बताते हैं। कुछ समय पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एमके नारायणन होते थे, वे भी कहते थे कि उनके पास सबका कच्चा चिट्ठा है। खुफिया ब्यूरो का प्रमुख रहते उन्होंने बहुतों का कच्चा चिट्ठा जुटाया था। वे अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन, एफबीआई के प्रमुख रहे जे एडगर हूवर को अपना आदर्श मानते थे। हूवर 48 साल तक एफबीआई के चीफ रहे थे। उन्होंने आठ राष्ट्रपतियों का कार्यकाल देखा। कहा जाता है कि उनके पास भी सबका कच्चा चिट्ठा था। हूवर, नारायणन आदि को देख कर लगता है कि कच्चा चिट्ठा बहुत काम का होता है। बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई जगह कहा है कि उनके पास लोगों का कच्चा चिट्ठा है। पिछले दिनों उन्होंने सरदार सरोवर नर्मदा बांध का लोकार्पण किया तो कहा कि इस बांधा को पूरा होने से रोकने के लिए तमाम तरह की बाधाएं पैदा की गईं। उन्होंने आगे कहा कि उनके पास इसका विरोध करने वाले सभी लोगों का कच्चा चिट्ठा है। कच्चा चिट्ठा आमतौर पर गलत कामों की जानकारी को कहा जाता है। प्रधानमंत्री देश के सर्वोच्च प्राधिकार हैं, अगर उनके पास किसी के गलत कामों की सूची है तो इशारों में उसका जिक्र जनता के बीच करने की बजाय क्या उन कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए?
ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री के पास सिर्फ सरदार सरोवर बांध का विरोध करने वालों का कच्चा चिट्ठा है। उन्होंने इसी साल फरवरी में उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि उनके पास अखिलेश यादव का भी कच्चा चिट्ठा है। अखिलेश उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। तब बिजनौर की एक सभा में नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनके पास अखिलेश यादव का कच्चा चिट्ठा है और वे 11 मार्च को वह चिट्ठा खोलेंगे। लेकिन 11 मार्च बीते छह महीने से ज्यादा हो गए, अखिलेश का कच्चा चिट्ठा नहीं खुला और न कोई कार्रवाई हुई।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के दौरान गोवा में कहा था कि उनके पास बहुत लोगों का कच्चा चिट्ठा है। आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के एक हफ्ते बाद पणजी में मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने 2जी स्कैम किया और कोयला घोटाला किया, वो भी चार हजार रुपए बदलने के लिए लाइन में खड़े हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नमक महंगा होने की अफवाह फैला रहे हैं, लेकिन ईमानदार लोग परेशान न हों, किसी गलत चक्कर में न पड़ें। मोदी ने आगे कहा – अभी मेरे दिमाग में काले धन के खिलाफ बहुत प्रोजेक्ट हैं, मैं आपका चिट्ठा खोल दूंगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें