जयपुर। राजस्थान के विधायकों का यात्रा भत्ता कोरोना काल में भी लैप्स नहीं होगा। विधायकों को वित्तीय वर्ष के लिये जारी किया गया यात्रा भत्ता लैप्स ना हो इसके लिए सरकार ने कवायद तेज कर दी है। आवंटित वित्तीय वर्ष में यात्रा भत्ता खर्च नहीं होने पर इसे अग्रिम समायोजित किया जाएगा। विधायकों को प्रतिवर्ष करीब 3 लाख रुपये यात्रा भत्ता के रूप में मिलता है। सरकार की इस कवायद में मंत्री शामिल नहीं है।
फाइल पहुंची संसदीय कार्य एवं विधि विभाग
विधायकों की यात्रा भत्ता वाली फाइल संसदीय कार्य एवं विधि विभाग पहुंच गई है। संसदीय कार्य विभाग जल्द ही इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी करेगा। राज्य सरकार ने हाल ही में विधायकों के मकान किराए भत्ते में भी बढ़ोतरी की थी। राज्य सरकार ने इसे 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया था। गहलोत सरकार ने बजट सत्र में ही मंत्रियों, विधायकों और पूर्व विधायकों का वेतन बढ़ाने के लिए अंतिम दिन विधेयक पास करा लिया था। बिल के प्रावधान को अंतिम रूप देने के लिए नियम बन गए हैं। संसदीय कार्य एवं विधि विभाग द्वारा आधिकारिक अधिसूचना जारी होने पर बिल के प्रावधान जमीनी धरातल पर उतारे जायेंगे।
विधायक कर सकते हैं विदेश यात्रा
विधायकों की ओर से तर्क दिया जाता रहा है कि दूसरे राज्यों के मुकाबले उन्हें काफी कम वेतन भत्ते मिलते हैं। गहलोत सरकार ने विधायकों की मांग के आधार पर ही बजट सत्र के अंतिम दिन यह विधेयक पास कराया था। विधायक यात्रा भत्ता से मिलने वाली राशि से देश-विदेश में यात्रा कर सकते हैं। हालांकि विदेश यात्रा करने की अनुमति मुख्यमंत्री से लेनी होगी। हालांकि फिलहाल राज्य में विधायकों एवं मंत्रियों के विदेश दौरों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। वहीं कोरोना काल के चलते इस बार विधायकों को यात्रा का मौका कम ही मिल पाया है।

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