जयपुर। पूरे देश में आपराधिक घटनाओं के खिलाफ प्रतिक्रिया दिख रही है। उत्तर प्रदेश के हाथरस का मामला ज्यादा चर्चा में है और कांग्रेस के दो बड़े चेहरे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के रूप में हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने भी गए। इधर, राजस्थान में भी इस मुद्दे पर हलचल दिखी। प्रदेश में पिछले 15 दिन में आई दुष्कर्म और महिला अपराध की घटनाओं के खिलाफ बीजेपी ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है। खुद बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया इस हल्ला-बोल में शामिल हुए।
कोरोना काल में बीजेपी का यह प्रदर्शन भीड़ के नजरिए से हैरान करने वाला था. संक्रमण का डर भी लोगों को था। लिहाजा मास्क लगाकर प्रदर्शन में पहुंचे। लेकिन बीजेपी का कहना है कि दुष्कर्म का संक्रमण तो कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है।
दरअसल, कोरोना संक्रमण के दौर में देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही दुष्कर्म की घटनाएं चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उत्तर प्रदेश के हाथरस से शुरू हुआ हंगामा अब राजस्थान भी पहुंच गया है। यहां बीजेपी ने राज्य सरकार के कामकाज के तरीके और बढ़ती आपराधिक घटनाओं के खिलाफ हल्ला बोला है।
खुद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद इन दिनों रेस्ट पर हैं। लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पूनिया भी सरकार के खिलाफ हल्ला-बोलने सड़क पर उतरे। बीजेपी ऑफिस से सिविल लाइन फाटक तक पैदल मार्च के दौरान पूनिया ने कहा कि दलित विरोधी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने के लिए ही वे काला मास्क लगाकर निकले हैं।
सात महीने से भी ज्यादा लंबे समय बाद बीजेपी के कार्यकर्ता प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे थे। लिहाजा कार्यकर्ताओं में जोश ज्यादा था। यही कारण है कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन फाटक पर पुलिस से काफी जद्दोजहद भी की और इस धक्का-मुक्की में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी पुलिस से जूझते दिखे।
प्रदर्शन में शामिल पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ और अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि अगर बीजेपी के हल्ला बोल के बाद भी सरकार की नींद नहीं टूटी तो वे सरकार को जगाने के लिए अपना अभियान और तेज करेंगे। बीजेपी के हल्ला-बोल की मुहिम महिलाओं और दलित बच्चियों के खिलाफ होने वाले दुष्कर्म की घटनाओं के विरोध में थी।
ऐसे में पार्टी की महिला मोर्चा की कार्यकर्ता भी सक्रियता से भागीदारी करती दिखीं। महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष पूनम यादव तो सरकार और पुलिस की अकर्मण्यता से नारज होकर चूड़ियां भेंट करने की तैयारी में थी। पुलिस से धक्का-मुक्की में यादव ने चूड़ियां लहराई भीं। लेकिन अब वे कूरियर से चूड़ियां भेजने की बात कह रही हैं।
कोरोना काल में बीजेपी का यह पहला बड़ा प्रदर्शन था। लेकिन इतना बड़ा प्रदर्शन करने पर भी सवाल उठ रहे हैं कि कोरोना काल में इस तरह कोरोना प्रोटोकॉल तोड़कर प्रदर्शन करना कहां तक जायज माना जा सकता है? महिला मोर्चा की कई कार्यकर्ताओं से तो मास्क भी नहीं संभाला जा रहा था। इसके साथ ही सवाल यह भी उठता है कि कांग्रेस ने मौन प्रदर्शन और बीजेपी ने 'हल्ला-बोल' से धारा 144 का उल्लंघन क्यों किया? क्या इससे संक्रमण फैलने का डर नहीं बढ़ेगा? इस पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा और प्रदेश मंत्री महेंद्र यादव का कहना है कि दुष्कर्म का संक्रमण तो कोरोना के संक्रमण से भी ज्यादा खतरनाक है।
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