जयपुर। उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए दुष्कर्म के मामले को लेकर कांग्रेस ने देशभर में सोमवार को मौन 'सत्याग्रह' का आयोजन किया। राजस्थान की राजधानी जयपुर से लेकर प्रदेश के जिला और उपखंड मुख्यालय पर कांग्रेस के नेताओं ने 2 घंटे तक मौन सत्याग्रह के जरिए केंद्र और यूपी की सरकार के खिलाफ विरोध जाहिर किया।
कांग्रेस नेताओं ने योगी आदित्यनाथ की तुलना तानाशाह किम जोंग से करते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है। मौन सत्याग्रह होने के बावजूद नेताओं की आपसी बातचीत और मोबाइल फोन पर बात करने की तस्वीरें भी दिखाई दीं।
दरअसल, यूपी के हाथरस में दलित बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना और इंसाफ की मांग कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से दुर्व्यवहार के विरोध में सोमवार को प्रदेश में कांग्रेस की ओर से मौन सत्याग्रह का आयोजन हुआ।
जयपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों और विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के नेता सुबह 10:00 से 12:00 बजे तक 2 घंटे मौन सत्याग्रह के तौर पर धरने पर बैठे. जयपुर में शहीद स्मारक पर हुए सत्याग्रह में कांग्रेस के मंत्री परसादी लाल मीणा, ममता भूपेश, मुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक गंगा देवी, इंद्राज गुर्जर, निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा, कांग्रेस नेता सुरेश मिश्रा, अर्चना शर्मा, पुष्पेंद्र भारद्वाज, मनोज मुद्गल और भूप सिंह सहित अन्य नेता कार्यकर्ता शामिल हुए।
सत्याग्रह के बाद उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा हाथरस की घटना के बाद योगी सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। हाथरस की बेटी को न्याय दिलाने तक कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा। मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि जिस तरह से दलित बालिका के साथ जघन्य अपराध हुआ और योगी सरकार ने मामले को दबाने और छिपाने की कोशिश की है, ऐसे में प्रधानमंत्री को तुरंत प्रभाव से योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा ले लेना चाहिए।
वहीं, सत्याग्रह में शामिल हुए महेश जोशी ने योगी आदित्यनाथ की तुलना तानाशाह किम जोंग से की। महेश जोशी ने कहा कि हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा। हमें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अपने नजरिए में भी बदलाव लाने की जरूरत है। हमें महिलाओं की सुरक्षा पर और अधिक संवेदनशील होना होगा।
हालांकि, सत्याग्रह का समय सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक था। लेकिन 10 बजे तक केवल गिने-चुने नेता और कार्यकर्ता ही सत्याग्रह स्थल पर पहुंच पाए थे। अधिकांश नेता 11 बजे तक सत्याग्रह में पहुंचे। मौन सत्याग्रह होने के बावजूद कई नेता और कार्यकर्ता मोबाइल फोन पर और आपस में भी बात करते हुए नजर आए। कुल मिलाकर कांग्रेस यूपी में हुए दुष्कर्म के मामले के जरिए केंद्र सरकार और यूपी की सरकार को घेरने का कोई अवसर नहीं छोड़ना चाहती है।

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