जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा को नया प्रदेशाध्यक्ष मिल गया है। नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष और सीकर बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष हरिराम रणवा ने भी सतीश पूनिया से मुलाकात कर नई जिम्मेदारी के लिए उनका आभार जताया है। रणवा ने बीजेपी किसान मोर्चा का काम तो संभाल लिया लेकिन केन्द्र सरकार के महत्वपूर्ण तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर उनकी जानकारी ज्यादा पुख्ता नहीं दिखी।
नए कृषि कानूनों को मजबूत बताने और किसानों के बीच जाकर कृषि कानूनों की पैरवी का दावा करने वाले बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष की हालत ऐसी है कि उन्हें नए कानूनों का नाम ही नहीं पता। कानूनों के नाम के सवाल पर वह समर्थकों से पम्पलेट मांगने लगते हैं। साथ ही इन कानूनों की खूबियां बताने के लिए भी रणवा की तैयारियां नहीं दिखीं।
इसके साथ ही पार्टी में इनके राजनीतिक कौशल की चर्चाएं भी खूब रही। कार्यकर्ताओं का कहना था कि रणवा बीजेपी का वह चेहरा हैं, जो राजस्थान की वसुंधरा राजे की सरकार के दौरान यूआईटी के चेयरमैन का पद ले चुके हैं। अब उन्हें सतीश पूनिया की टीम में किसान मोर्चा की कमान संभालने का मौका भी मिला है।
रणवा वैसे तो खुद को साधारण कार्यकर्ता तो बता रहे हैं। लेकिन पार्टी के ही कार्यकर्ता उन्हें इस मायने में असाधारण कार्यकर्ता मानते हैं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि हरिराम रणवा पहले तो सीकर यूआईटी के अध्यक्ष रहते हुए शहर के विकास की बात करते थे और अब पार्टी ने उन्हें गांव के साथ ही किसान के विकास की जिम्मेदारी दे दी है।
इस सवाल पर रणवा कहते हैं कि सीकर का ज्यादातर हिस्सा ग्रामीण ही है। वह खुद को पहले मिली सीकर जिले के महामंत्री और जिलाध्यक्ष की भूमिकाओं को भी गिनवाते हैं।
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