जयपुर। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पंचायती राज चुनावों की तस्वीर बदलने की कवायद में जुटी है. इसके लिये सरकार बड़े निर्णय की ओर बढ़ रही बताई जा रही है। पार्टी के विधायकों से पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव बिना किसी सिंबल के करवाने पर गहन मंथन किया जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश की ग्रामीण राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इसके पीछे सत्तारूढ़ पार्टी को कई सियासी फायदे नजर आ रहे हैं। वहीं ऐसा करने में कोई कानूनी अड़चन आने की भी संभावना नहीं है।
राजनीतिक प्रेक्षक मानते हैं कि बीजेपी की गांवों में जड़े जमाने में पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के सिंबल पर चुनाव ने बड़ी भूमिका निभाई है। इससे बीजेपी का गांवों तक प्रचार हुआ। शहरी लोगों की पार्टी कही जाने वाली बीजेपी को ग्रामीण इलाकों में बूस्टर मिला और उसकी ताकत में इजाफा हुआ। अब बिना सिंबल पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव करवाने पर कांग्रेस के भीतर मिलीजुली प्रतिक्रियांए आ रही हैं। कांगेस के एक धड़े की साफ मान्यता है कि बिना सिंबल चुनाव करवाने से फिलहाल कांग्रेस को फायदा होगा।
सरकार की तैयारियों से सियासत गरमायी
बीजेपी की तरफ से सरकार की इस योजना पर तीखी प्रतिक्रिया आना तय है। लेकिन इसके साथ ही यह भी तय है कि बिना सिंबल पंचायत समिति और जिला परिषद चुनाव होने के बाद ग्रामीण राजनीति की तस्वीर बदल जाएगी। पंचायत समिति और जिला परिषद के इस थ्री टीयर पंचायतीराज सिस्टम को दल निरपेक्ष बनाने से कितना सुधार आएगा और कांग्रेस को कितना फायदा होगा यह भविष्य के गर्भ में है। लेकिन सरकार की तैयारियों ने सियासत को जरुर गरमा दिया है।
1995 से पहले बिना सिंबल के ही होते रहे हैं ये चुनाव
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 1995 से पहले पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के चुनाव बिना सिंबल पर ही होते रहे हैं। तत्कालीन सीएम भैरो सिंह शेखावत ने ही सबसे पहले पंचायतीराज व्यवस्था में पंचायत समिति सदस्य, प्रधान, जिला परिषद सदस्य और जिला प्रमुख का चुनाव पार्टी सिंबल पर करवाने का फैसला किया था। शेखावत के इस निर्णय से बीजेपी की ग्रामीण क्षेत्रों में पकड़ मजबूत होती गई और इसका सीधा राजनीतिक खामियाजा कांग्रेस को उठाना पड़ा। लेकिन अब वर्तमान हालात में जब कांग्रेस के ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक समीकरण कुछ असंतुलित से लग रहे हैं तो उसमें सुधार करने के लिये सरकार यह बड़ा कदम उठा सकती है।

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