शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2020

कोरोना का कहर राजधानी जयपुर में कब्रिस्तान हुआ फुल,नहीं बची जगह


 जयपुर। प्रदेश में कोराना  का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। आलम ये है कि जयपुर  में कोरोना के कारण मौतों का शिकार होने वाले मुस्लिम समाज के लोगों के लिये तय किया गया कोविड कब्रिस्तान अब फुल  हो चुका है। शहर के घाटगेट कब्रिस्तान में जगह खत्म हो चुकी है। कमोबेश यही हालात शास्त्री नगर कब्रिस्तान के हैं। जबकि कोरोना से होने वाली मौतों का सिलसिला अब तेजी से बढ़ रहा है। जयपुर में अप्रैल माह में कोरोना से हुई मुस्लिम समाज के पहले व्यक्ति की मौत के बाद से अब तक यहां दो सौ से ज्यादा ऐसे शव दफनाए जा चुके हैं। अब दूसरे कब्रिस्तान के लिए वक्फ बोर्ड से लेकर मुख्यमंत्री तक सबसे गुहार लगाई जा रही है।

दरअसल प्रदेश में कोरोना का संक्रमण फैलने और उसके बाद हुई मौतों को देखते हुये जयपुर के घाटगेट कब्रिस्तान में कोरोना से मारे जाने वाले मुस्लिम समाज के मृतकों के जनाजों को दफनाने के लिए अलग से जगह दी गई थी. इसके काफी बड़े हिस्से में एक अलग कोविड कब्रिस्तान बनाया गया था। 5 अप्रैल को यहां पहला ऐसा जनाजा आया था जिसकी मौत की वजह कोराना थी। उसके बाद से ये सिलसिला लगातार जारी है। पिछले एक महीने में कोरोना से हुई मौतों के इतने ज्यादा जनाजे आए हैं कि यह कब्रिस्तान पूरी तरह से भर चुका है।

घाटगेट में अब तक 150 और शास्त्रीनगर में 50 जनाजे दफनाए 

घाटगेट कोविड कब्रिस्तान अब तक 150 शव दफनाये गये हैं। वहीं शास्त्री नगर कब्रिस्तान में भी 50 जनाजे दफनाए जा चुके हैं। पहले शव काफी दूर-दूर दफानाए गए थे। लेकिन अब मौतों की संख्या बढ़ने के बाद शवों को पास पास दफानाया जा रहा है। ऐसे में 11 फीट का गड्डा करना करना और सुरक्षा के मद्देनजर शव को बॉक्स कवर करके उसे दफनाने का काम काफी मुश्किल होता जा रहा है। हालात ये हो गये हैं कोरोना के कारण इस दुनिया से विदा होने वाले के लिये दो गज जमीन मुहैया कराना आसान काम नहीं रहा है।

आसपास की बची खुची जमीनों को भी काम में ले लिया गया है

कब्रिस्तानों के आसपास की बची खुची थोड़ी बहुत जमीनों को भी काम में ले लिया गया है। अब इस मामले में सीएम अशोक गहलोत से गुहार लगाई गई है। वहीं वक्फ मंत्री सालेह मोहम्मद और वक्फ चेयरमैन खानु खां बुधवाली को भी खत लिखे गए हैं। जल्द ही अगर कोई नया रास्ता नहीं निकाला गया तो वह दिन दूर नहीं जब शव कब्रिस्तान के बाहर दफनाने पड़ेंगे। जनाजों को दफनाने के लिए आनन फानन में कोई जगह खोजी जा रही है।


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