तीन राज्यों में हार के बाद अब भाजपा विधायक दल का नेता चुनेगी. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तीनों राज्यों में यह जिम्मेदारी तय कर दी है. इसके लिए हर राज्य में दो-दो पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया गया है.
राजस्थान में यह जिम्मेदारी अरूण जेटली और अविनाश रॉय खन्ना को दी गई है. पर्यवेक्षक के तौर पर जेटली और खन्ना प्रदेश के भाजपा विधायकों की राय जानेंगे और विधायक दल के नेताओं के नाम तय कर केन्द्रीय समीति को रिपोर्ट सौंपेगे.
मध्यप्रदेश में राजनाथ सिंह और विनय सहस्त्रबुद्धे को यह जिम्मेदारी दी गई है वहीं छत्तीसगढ़ में केन्द्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत और अनिल जैन को लगाया गया है. नेता चुनने के लिए सामंजस्य बैठाने के लिए पार्टी ने तीनों राज्यों में एक-एक केन्द्रीय मंत्री और एक-एक पार्टी पदाधिकारी को नियुक्त किया है. ताकि सगंठन के स्तर पर भी राय को शामिल किया जा सके.
राजस्थान में हालांकि वसुंधरा राजे की बतौर विधायक दल नेता दावेदारी मजबूत मानी जा रही है. हालांकि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि प्रदेश में हुई भाजपा की हार के चलते पार्टी का शीर्ष नेतृत्व विधायकों से अलग राय भी बना सकता है.

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