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| (Ashok Gehlot addresses media at his residence. Photo-TOI) |
जयपुर। राजस्थान की 15वीं विधानसभा का पहला सत्र आज शुरू हो गया। पहले सत्र के पहले दिन विधायकों को शपथ दिलाई गई। तीसरी बार मुख्यमंत्री बन के विधानसभा पहुंचे अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों को नए साल की और मकर सक्रांति की शुभकामनाएं दी।
साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम विधानसभा सभा में प्रवेश करने जा रहे हैं। प्रदेश के विकास को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। विपक्ष द्वारा किए जा रहे हंगामे पर अशोक गहलोत ने कहा कि उन्हें अपनी आवाज उठाने का अधिकार है लोकतंत्र में सबको अधिकार है। विपक्ष अपनी आवाज़ उठाएं लेकिन वह आवाज ईश्यू बेस होनी चाहिए. अनावश्यक राजनीति नहीं होनी चाहिए।
अशोक गहलोत ने कहा कि जन घोषणाओं को लेकर विपक्ष दबाव बनाएंगे वह एक अच्छी बात है। विपक्ष के नाते उन्हें आवाज उठाने चाहिए। अगर वह दबाव नहीं बनाएंगे तो बेमानी करेंगे। उन्होंने कहा कि 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। तब जन घोषणा पत्र को सरकारी दस्तावेज में शामिल किया था। इसी तरह से दूसरी और तीसरी बार भी जब मुख्यमंत्री बने तब भी उन्होंने जो जनता से वादा किया। जो मैनफस्टो में वादे किए उन्हें पहली कैबिनेट के अंदर सरकारी दस्तावेज में शामिल कर लिया। वह जनता की जवाबदेही को सुनिश्चित करना चाहते हैं इसलिए जो जनता से वादा किया है उन्हें सरकारी दस्तावेज में शामिल करके पूरा करेंगे।
अशोक गहलोत ने कहा कि पहले जब वह दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे। तब संख्या 78 थी। इस बार 73 है विपक्ष को जनता के हित में और विकास को लेकर मजबूती से अपनी भूमिका निभानी चाहिए। सरकार कटिबद्ध है क्योंकि पिछली बार भी उन्होंने जनकल्याणकारी योजनाएं लागू करी थी। विकास के नए कीर्तिमान स्थापित किए थे। यह अलग बात है कि चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था लेकिन 5 साल जनता ने पिछली सरकार के कामकाज को देखा है। उसको देखने के बाद हमारी जो पिछली सरकार ने जन कल्याणकारी योजना लागू करी थी। उनको जनता ने याद किया है और इसी का परिणाम है कि इस बार कांग्रेस बहुमत के साथ सरकार में आई है। सरकार पूरी ईमानदारी के साथ में जनता के लिए काम करेगी।

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