रफाल मामले में हालिया खुलासे के बाद कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने सवाल उठाया कि जब वायुसेना को 126 विमानों की ज़रूरत थी तो सरकार सिर्फ़ 36 राफेल विमान क्यों ख़रीद रही है?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने वायुसेना की 126 लड़ाकू विमानों की जरूरत को नकार कर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है और इस मामले में जेपीसी जांच होनी चाहिए. उन्होंने यह भी सवाल किया कि जब वायुसेना को 126 विमानों की जरूरत थी तो सरकार सिर्फ 36 राफेल विमान क्यों खरीद रही है?
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को प्रति विमान 186 करोड़ रुपये अधिक देने होंगे. उन्होंने यह मांग दोहराई कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से राफेल मामले की जांच होनी चाहिए।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘राफेल मामले में संबंधित बातचीत के दल ने 4-3 से फैसला किया. क्या किसी रक्षा सौदे में कभी ऐसा हुआ? ऐसा क्यों हुआ कि इस सौदे से जुड़े हर फैसले सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए 4-3 से किये गए।’
उन्होंने कहा, ‘इस मामले की गहन जांच जेपीसी से होनी चाहिए. हम जेपीसी जांच की मांग दोहराते हैं।’
चिदंबरम ने कहा, ‘ऑफसेट साझेदार के चयन पर सवालिया निशान है। एचएएल को दरकिनार किये जाने को लेकर सवाल है।’
राफेल विमान सौदे से जुड़ी एक खबर का हवाला देते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘एक अखबार में आए नए तथ्यों और खुलासों के आलोक में, गंभीर और बड़ा सवाल ये है कि सरकार ने 36 राफेल विमान ही क्यों खरीदे, जबकि वायु सेना को 126 विमानों की जरूरत थी।’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘सरकार ने वायु सेना की 7 स्क्वाड्रन (126 विमान) की सख्त जरूरत को नकार कर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है।’
चिदंबरम का यह बयान द हिंदू की खबर में सामने आए नए खुलासे के बाद आया है। द हिंदू की खबर में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 126 की जगह 36 रफाल विमान खरीदने का फैसला किया जिसकी वजह से प्रति विमान की कीमत में 41.42 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई। इस तरह से मोदी सरकार ने प्रति विमान 186 करोड़ रुपये में खरीदा।
इससे पहले एक ट्वीट करके भी उन्होंने कम लड़ाकू विमान खरीदने की सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे। ट्वीट में उन्होंने लिखा, द हिंदू की खबर से जो नए तथ्य सामने आए हैं उनसे ये सवाल और महत्वपूर्ण हो जाते हैं।

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