जयपुर। प्रदेश के नगरीय आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने शुक्रवार को जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की ।बैठक में नगरीय आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने अधिकारियों से वर्तमान में जारी परियोजनाओं एवं उन पर आने वाले व्यय की जानकारी ली। धारीवाल ने निर्देश दिये कि जयपुर विकास प्राधिकरण की भूमि की आरक्षित दरों की पुनः समीक्षा की जाये एवं इन्हें बाजार दर के अनुसार तर्क संगत बनाया जाये, जिससे इनकी बिक्री हो सके। उन्होनें भूमि विक्रय के लिए की जाने वाली नीलामी की शर्तो में भी सरलीकरण के निर्देश दिये। उन्होनें कहा कि नीलामी के पश्चात् 25 प्रतिशत राशि तुरन्त एवं शेष राशि की किश्तें छःमाही या वार्षिक की जायें। उन्होनें निर्देश दिये कि जयपुर विकास प्राधिकरण से सम्बन्धित भू-विवादों सहित अन्य विवादों को सुलझाने के लिए एक एम्पावर्ड कमेटी का गठन करे। जिससे भू-विवादों का शीघ्रता से निस्तारण हो सके एवं आमदनी के रास्ते खुल सके। इस कमेटी की प्रत्येक महीने बैठक आयोजित हो तथा कमेटी के लक्ष्य निर्धारित किये जाये।
उन्होनें अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे जेडीए की भूमि पर हो रहे सभी अतिक्रमणों को हटाने की कार्यवाही करें एवं इसकी जिम्मेदारी जोन उपायुक्तों को दे साथ ही जो भूमि न्यायिक विवाद में है, उनका भी उचित निस्तारण करवाये। उन्होनें द्रव्यवती नदी परियोजना एवं रिंग रोड़ परियोजना ने रिक्लेम भूमि की नीलामी करने के निर्देश भी दिये।
धारीवाल ने पृथ्वीराज नगर योजना में भूमि नियमितिकरण के लिए लगाये गये शिविरों की जानकारी ली। उन्होनें कहा कि शिविरों में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया जाये एवं इसमें विकासकर्ताओं का भी सहयोग लिया जाये। उन्होनें कहा कि इसी प्रकार शहर में अन्य आवासीय योजनााओं के पट्टे देने के लिए भी शिविर लगाये जाये।
उन्होनें जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से कहा कि वे जेडीए सर्किल व ओटीएस चैराहे पर अण्डरपास बनाये जाने के लिए प्रपोजल तैयार करे तथा इस सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। उन्होनें राजधानी में खराब साईनेजेज बोर्डो के स्थान पर नये साईनेजेज बोर्ड ऊॅचाई पर लगाने के निर्देश दिये जिससे उन पर पोस्टर नहीं लगाये जा सकें।
उन्होनें जयपुर विकास प्राधिकरण में पदस्थापित अभियन्ताओं के कार्यभार की जानकारी भी अधिकारियों ली एवं उन्हें निर्देशित किया कि अभियन्ताओं का कार्यभार बढ़ाया जाये। उन्होंने जेडीए थाने का पुनः खोलने की संभावनाओं पर विचार करने के लिए अधिकारियो से कहा की जेडीए द्वारा भू-अतिक्रमण रोकने के लिए जेडीए थाने की पुनः स्थापना करवाई जाये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे जेडीए की अधूरी परियेाजनाओं जैसे ऐलीवेटेड रोड़ सोडाला से अम्बेडर सर्किल, द्रव्यवती नदी आदि को शीघ्र पूरा करें।
बैठक मे नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव रजत मिश्रा ने भी जेडीए अधिकारियों को निर्देश दिये कि काॅलोनी बसाने से पूर्व वहाॅ बिजली-पानी, सड़क आदि बुनियादी सुविधाए विकसित की जाए।
जेडीए आयुक्त टी.रविकांत ने बैठक में बताया कि 31 दिसम्बर, 2018 तक जयपुर शहर में 10 हजार 446 करोड़ रूपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियाॅ जारी की जा चुकी है। जिनमे से 6681 करोड़ रूपये के कार्य पूर्ण हो चुके है।
बैठक में जेडीए सचिव अर्चना सिंह, यूडीएच विभाग के संयुक्त शासन सचिव राजेंद्र सिंह शेखावत, अतिरिक्त आयुक्त ओ.पी. बुनकर, पूनम प्रसाद सागर, श्रुति भारद्वाज, निदेशक अभियांत्रिकी प्रथम एवं द्वितीय हृदयेश जुनेजा, एन.सी. माथुर, वी.एस. सुण्डा, मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन राजेन्द्र सिंह सिसोदिया, सभी जोन उपायुक्त सहित जेडीए के सभी वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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