शुक्रवार, 11 जनवरी 2019

समिति में उलझी किसान कर्जमाफी

जयपुर। राजस्थान में गहलोत सरकार आई तो सभी किसानों को उम्मीद बनी की वो अपने वादों को पूरा करेगी। हुआ भी ऐसा ही। गहलोत सरकार ने दो दिनों में ही किसानों की कर्जमाफी की घोषणा कर दी। लेकिन इसमें एक शर्त आ गई। यहीं कि सिर्फ डिफॉल्टर किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ होगा। इस के बाद समिति बना दी गई कि पैमाना तय किया जाए। इन सबके बीच अभी भी संपूर्ण कर्जमाफी कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है।


विधानसभा चुनाव प्रचारों के दौरान कांग्रेस की ओर से हर सभा में एक बात जरूर दोहराई गई। वो वादा था किसानों की कर्जमाफी का। सरकार बने एक महीने हो चुका है। लेकिन अभी तक किसानों की कर्जमाफी कैसे होगी इसका पैमाना तय नहीं हो पाया है। वहीं गहलोत सरकर की ओर से शांति धारिवाल की अगुवाई में 7 मंत्रियों की एक कमेटी बनाई। जो कर्जमाफी के लिए पैमाना तय करेगी।



पहली बैठक 6 जनवरी को हुई लेकिन इसमें पैमाना तय नहीं हो पाया। इसमें बड़ी बात निकली कि हाड़ौती में आत्महत्य करने वाले 70 किसानों का कर्जमाफ किया जाएगा। लेकिन जब इसकी जमीनी हकीकत की जानकारी जानने की कोशिश की गई तो पता चला कि किसी के पास भी उन 70 किसानों की लिस्ट नहीं है। 



वहीं आज एक महीना पूरा होने के बाद कमेटी की दूसरी बैठक हुई। इसमें बड़ी बात निकली कि लघु और सीमांत किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ होगा। चाहे वो डिफॉल्टर हों या फिर नॉन डिफॉल्टर। इसमें भी शर्तें लगाई गई है।

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