बुधवार, 30 जनवरी 2019

अशोक गहलोत घबराहट में : डाॅ. अलका गुर्जर


क्या अशोक गहलोत को मात्र एक महिने में ही सत्ता का नशा इस तरह छा गया है कि वह सत्ता के मद में चूर होकर सभी को जेल में डाल देंगे, उनने राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप व सहयोग से मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने युवा साथी से छीनकर क्या अब वह अपने आपको तानाशाह समझने लगे हैं। अशोक गहलोत को समझना चाहिये कि यह जनता है जो राजे महाराजे को भी सडक दिखा देती है तो कहीं ऐसा न हो राजस्थान की जनता कांग्रेस को राजस्थान का मुख्यमंत्री बदलने पर मजबूर कर दे। 


जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कल जोधपुर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को धमकाने वाला बयान देने की निंदा करते हुए भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. अलका गुर्जर ने कहा कि कांग्रेस में इस समय परिवार हित का संघर्ष है।  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अब परिवार विशेष की भक्ति छोड़ कर जनहित के बारे में भी सोचना चाहिए।

 मैं अशोक गहलोत को याद दिलाना चाहूँगी कि आपातकाल का वह समय भी याद कर लें  जब कांग्रेस का एकछत्र राज था तब भी आम जनता 24 महीनों तक जेल में रहकर भी झुकी नहीं थी और उसी पतित पारिवारिक वैचारिकता को आगे बढ़ाते हुए कल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस तरह की धमकी दी है जो यह स्पष्ट कर रही है कि कांग्रेस का इंदिरा गांधी के समय की गई निरंकुशता में ही प्रबल विश्वास है। 

डाॅ. अलका गुर्जर ने कहा कि राहुल गाँधी ने 10 दिन में अन्नदाता किसान की सम्पूर्ण कर्जमाफी का वादा किया था, आज दस दिन कब के बीत गये, वादे का क्या हुआ तथा बेरोजगारों को 3500 रूपये महीना बेरोजगारी भत्ता देने की भी बात कही, कब से दे रहे है वह बेरोजगारों को 3500 रूपये महीना बेरोजगारी भत्ता ।  अन्नदाता किसान के सम्पूर्ण कर्जमाफी की प्रक्रिया को तुरन्त प्रभाव से कब पूरा कर रहे है अशोक गहलोत।

 क्या अशोक गहलोत की सरकार थोथी बयानबाजी की सरकार है। क्या अशोक गहलोत को मात्र एक महिने में ही सत्ता का नशा इस तरह छा गया है कि वह सत्ता के मद में चूर होकर सभी को जेल में डाल देंगे, उनने राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप व सहयोग से मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने युवा साथी से छीनकर क्या अब वह अपने आपको तानाशाह समझने लगे हैं। अशोक गहलोत को समझना चाहिये कि यह जनता है जो राजे महाराजे को भी सडक दिखा देती है तो कहीं ऐसा न हो राजस्थान की जनता कांग्रेस को राजस्थान का मुख्यमंत्री बदलने पर मजबूर कर दे। अशोक गहलोत का यह जेल में डाल देने वाला बयान निहायत ही गैर जिम्मेदाराना है और उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिये।

 मुख्यमंत्री के बयान से ऐसा लगता है कि सरकार घबराहट में है और जनता को धमकी देकर डराने का काम कर रही है।जनता इस तरह की थोथी धमकी से नहीं डरने वाली। जनहित के मुद्दे पर हम जेल जाने को ही नहीं, बल्कि लाठी-गोली खाने को भी तैयार हैं। अभी भी समय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत परिवार विशेष की परिक्रमा से ऊपर उठकर जनहित और राजस्थान के बारे में सोचना शुरू करें अन्यथा जनता स्वयं समझा देगी।

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