जयपुर। वाहन चोरी होने पर अब थाने जाकर एफआईआर लिखवाने की जरूरत नहीं रहेगी। पीड़ित व्यक्ति खुद इंटरनेट का उपयोग कर एफआईआर दर्ज करवा सकेगा। हालांकि यह सुविधा सिर्फ वाहन चोरी होने पर ही उपयोग में ली जा सकेगी। वाहन चोरी के आरोपी को पहचाने जाने, चोट लगने या बल प्रयोग होने की स्थिति में पीड़ित को थाने जाकर ही एफआईआर दर्ज करानी होगी।
यह बात महानिदेशक पुलिस ओपी गल्होत्रा ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में राजस्थान पुलिस के स्टेट क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो के तत्वावधान में आमजन की सुविधा के लिए बनाए गए ऑनलाइन ई-एफआईआर (केवल वाहन चोरी हेतु) एवं पुलिस कर्मियों हेतु लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) के शुभारंभ अवसर पर कही।
गल्होत्रा ने बताया कि ई-एफआईआर के माध्यम से आमजन बिना थाने पर गए इंटरनेट का उपयोग कर अपने वाहन चोरी की रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज करा सकता है। ई-एफआईआर (केवल वाहन चोरी के लिए) अभियुक्त अज्ञात हो व घटना के दौरान चोट या बल प्रयोग नहीं होने की स्थिति में दर्ज कराई जा सकती है। यदि चोरी की घटना, जिसमें अभियुक्त ज्ञात हो अथवा घटना के दौरान चोट या बल प्रयोग किया गया हो तो उसकी शिकायत संबंधित थाने में दर्ज करवाई जा सकेगी। यह सुविधा स्टेट क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो राजस्थान जयपुर द्वारा तैयार किए गए क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग एंड नेटवर्किग सिस्टम से जुड़ी हुई है। राजस्थान में वाहन चोरी की शिकायत दर्ज कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था ई-एफआईआर के माध्यम से प्रदान कराने के साथ उसे क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग एंड नेटवर्किग सिस्टम से एकीकृत करने वाला पहला राज्य है।
एससीआरबी अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि आमजन अपनी एसएसओ आईडी से लॉगिन करके ई-एफआईआर दर्ज करा सकता है । यह सिस्टम राजधारा एप से भी एकीकृत है। इसकी यह विशेषता है कि थाने की सीमा का पता नहीं होने पर भी ई-एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती है। इसके लिए राजधारा एप में थानों की सीमा को अंकित किया गया है। आमजन राजधारा एप के नक्शे पर चोरी की लोकेशन को चिन्हित कर सकता है। इससे संबंधित थाने का नाम एवं लोकेन की जानकारी स्वतः ही शिकायत फार्म में दर्ज हो जाती है।
एससीआरबी उप महानिरीक्षक पुलिस शरत कविराज ने बताया कि ई-एफआईआर पर गलत सूचना देने अथवा इस सुविधा के दुरुपयोग किए जाने की स्थिति में शिकायतकर्ता के विरुद्ध आईपीसी के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस कर्मियों के लिए लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम शुरू
महानिदेशक पुलिस ओपी गल्होत्रा ने एलएमएस (लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम) सॉफ्टवेयर का भी शुभारंभ किया। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से पुलिस विभाग के अधिकारी व कर्मचारी विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनके ज्ञान व कौशल में निरंतर वृद्धि होगी व उनकी कार्यक्षमता में सुधार हो सकेगा। सॉफ्टवेयर के माध्यम से क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग एंड नेटवर्किंग सिस्टम के साथ ही अन्य प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे। इस सॉफ्टवेयर द्वारा वीडियो के माध्यम से पुलिस कर्मियों के लिए आवयक विभिन्न कानूनों से संबंधित प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एससीआरबी हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि पुलिस अधिकारी व कर्मचारी अपनी एसएसओ आईडी से लॉगिन करके एलएमएस के माध्यम से उनसे संबंधित प्रशिक्षण कोर्स को किसी भी समय व किसी भी स्थान पर अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर देख सकेंगे।
प्रदेश के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों एवं जयपुर व जोधपुर के पुलिस उपायुक्तों को अपने कार्य क्षेत्र के सभी पुलिस कर्मियों को यह एलएमएस पर उपलब्ध प्रशिक्षण सामग्री दिखाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही इस संबंध में पुलिस कर्मियों को एलएमएस के बारे में जानकारी प्रदान कर उन्हें इस सॉफ्टवेयर का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
उपमहानिरीक्षक एससीआरबी शरत कविराज ने बताया कि अधिकृत अधिकारी एलएमएस द्वारा पुलिस कर्मियों को सौंपे गये प्रशिक्षण कोर्स की ऑनलाइन मॉनीटरिंग करेंगे। पुलिस कर्मियों द्वारा प्रशिक्षण कोर्स को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने तथा सौंपा गया प्रशिक्षण कोर्स विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार करने के बारे में भी मॉनीटरिंग की जा सकेगी। अधिकृत अधिकारी एलएमएस द्वारा प्रशिक्षण संबंधित अपने कार्यक्षेत्र की विभिन्न रिपोर्ट्स को किसी भी समय अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर देख सकते हैं।
इसके साथ ही एलएमएस के माध्यम से सौंपे गए प्रशिक्षण कोर्स के संबंध में सुझाव या फीडबैक भी ऑनलाइन दिए जा सकते हैं। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से दिए गए ऑनलाइन या ऑफलाइन प्रशिक्षण की परीक्षा तथा परीक्षा का परिणाम भी तैयार किया जा सकता है। साथ ही कॉमन कोर्स से संबंधित ऑनलाइन चैट भी की जा सकती है। अब पुलिस विभाग के विभिन्न प्रशिक्षण एलएमएस के माध्यम से कराए जाएंगे।
शरत कविराज ने बताया कि इस संबंध में प्रथम प्रशिक्षण का वीडियो सॉफ्टवेयर पर अपलोड कर दिया गया है। साथ ही लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम का प्रयोग करने की प्रणाली को सीखने के लिए वीडियो भी अपलोड कर दिया है। एलएमएस पर पुलिस अधीक्षक सतर्कता देशमुख पारिस अनिल द्वारा तैयार किया गया पम्प एकन गन, केप्सी ग्रेनेड व केप्सी स्प्रे की कार्य प्रणाली के बारे में वीडियो अपलोड किया गया है। उन्होंने बताया कि एलएमएस द्वारा सीसीटीएनएस के सॉफ्टवेयर में एफआईआर, नका मौका, गिरफ्तारी, जब्ती एवं अन्तिम रिपोर्ट (आईआईएफ-1 से आईआईएफ-5) आदि प्रपत्रों को भरने की प्रक्रिया के बारे में एससीआरबी द्वारा तैयार की गई प्रशिक्षण सामग्री अपलोड की गई है। इसके अतिरिक्त फोरेंसिक डीएनए सैंपल के बारे में भी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।

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