निर्वाचन विभाग का काम शांतिपूर्ण निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव संपन्न करवाना है न कि किसी मंत्री और विधायक को सुरक्षा मुहैया कराना. जिला कलेक्टर और एसपी चाहे तो किसी मंत्री और विधायक को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं.
जयपुर। राज्य निर्वाचन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि मंत्री और विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्णय संबंधित जिला कलेक्टर और एसपी करेंगे. जिला कलेक्टर और एसपी चाहे तो किसी मंत्री और विधायक को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं. निर्वाचन विभाग का काम शांतिपूर्ण निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव संपन्न करवाना है न कि किसी मंत्री और विधायक को सुरक्षा मुहैया कराना.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने कहा की जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक मिलकर सुरक्षा तय करते हैं. विधानसभा में मुख्य सचेतक कालू लाल गुर्जर को सुरक्षा मुहैया कराने का मामला निर्वाचन विभाग के पास नहीं आया है. कुमार ने बताया कि जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा मुहैया कराना निर्वाचन विभाग के दायरे में नहीं आता है. यदि किसी जनप्रतिनिधि और मंत्री को अपनी जान का खतरा है तो वे संबंधित जिलों के एसपी और जिला कलेक्टर से संपर्क कर सकते हैं.
विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर ने जान को खतरा मानते हुए पीएसओ मुहैया कराने की मांग की थी. गृह विभाग का कहना है कि ये मामला स्क्रीनिंग कमेटी से संबंधित मामलों को लेकर बनाई गई कमेटी में मंजूरी के लिए भेजा है. हालांकि, अभी तक कालूलाल गुर्जर को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है, जबकि गृह विभाग ने आनंदपाल मुठभेड़ से जुड़े तीन अफसरों को सुरक्षा प्रदान करने की स्वीकृति दे दी है.
हालांकि मामले में एसओजी के डीआईजी ने गृह विभाग को लेटर लिखकर सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया था. चुनावी मौसम के चलते जनप्रतिनिधि ने अपनी जान को खतरा बताया है. जनप्रतिनिधियों का कहना है की विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के दौरान विरोधी दल के सदस्य हैं, उन पर हमला कर सकते हैं. उनका कहना है कि फिल्ड में होने की वजह से तरह तरह के लोगों से मिलना होता है.

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें