मोदी कार्यकर्ताओं को मोटिवेट कर पाते, अचानक मौसम ने पलटा खाया और धूल भरी आंधी चलीे कि लोग मोदी को छोड आंधी को देखने लगे, कैमरे आंधी कीे ओर घूम गये, और मोदी को जर्क के साथ अपना भाषण समाप्त करना पडा, और पत्रकार दीर्घा में फिर फुसफुसाहट सुनाई दी कि मालिकों के अखबार है, चैनल है, हमारी मजबूरी है सत्य को दिखा नहीं सकते, चाहें कुछ भी दिखाये, लेकिन असलियत तो यही है कि मोदी को ले उडी राजस्थान की आंधी।
अजमेर, जयपुर ।विजय संकल्प सभा की कहानी, वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र सिंह गहलोत की जुबानी । अंदेशा था, जो सच साबित हुआ कि क्या नरेन्द्र मोदी की राजस्थान को बचाने के लिये की जाने वाली सभा के लिये ही चुनावों की तारीखें घोषित नहीं की जा रही, और संयोग ऐसा रहा कि इधर अजमेर में शनिवार 6 अक्टूबर,2018 को अजमेर में मोदी की सभा चल रही थी और उधर चुनावों की तारीख घोषित हो गई, सोचा, क्या चुनावों की तारीखें सरकार घोषित करती है या करवाती है ?
मैं जब अजमेर में मोदी की सभा के कवरेज के लिये पहुंचा, तो पत्रकार दीर्घा में फुसफुसाहट थी कि राजस्थान सू तो मोदी ग्यो। इस बात को बल मिला यह देखकर कि मंच से राजेन्द्र राठौड टिकिटों की दावेदारी के लिये शक्ति प्रदर्शन करने आई करीब 25 हजार की भीड में प्राण फूंकनें की कोशिश कर रहे थे और माइक से जोर—जोर से चिल्ला रहे थे कि मोदीजी जब आयें तो आपको जोर—जोर से चिल्लाना है मोदी—मोदी । इसके बावजूद भीड राजेन्द्र राठौड से तेज नहीं चिल्ला पाई मोदी—मोदी।
नरेन्द्र मोदी जब मंच पर आये तो उन्होंने अपनी चिर—परिचित अभिनय शैली में शानदार डॉयलॉग डिलीवरी की, लेकिन स्क्रिप्ट कमजोर थी, राजेन्द्र राठौड मोदी—मोदी चिल्ला रहे थे और मोदी कांग्रेस—कांग्रेस चिल्ला रहे थे, उनके इस डायलॉग में यह चिंता तक जाहिर हो गई कि कहीं राजस्थान में सरकार हाथ से फिसल तो नहीं रही, जब उन्होंने कहा कि इस परम्परा को बदलना होगा कि एक बार बीजेपी की सरकार और एक बार कांग्रेस की सरकार। उन्हें यहां तक कहना पडा कि मैं अगर राजस्थान का मतदाता होता तो बीजेपी को वोट देता।
मोदी बहुत समझदार है, और शायद उन्होंने भांप लिया कि वह एक जनसभा को नहीं, टिकिट की दावेदारी के लिये शक्ति प्रदर्शन करने आये कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे, तो उन्होंने यहां तक कहा कि मैं बीजेपी को साधारण कार्यकर्ता हूं, भले ही प्रधानमंत्री बन गया हूं, तब मुझे लगा कि यह प्रधानमंत्री की सभा है या प्रधानमंत्री पद पर बैठे बीजेपी के साधारण कार्यकर्ता द्वारा पार्टी के बूथ कार्यकर्ताओं को जीतने के लिये दी जाने वाली मोटिवेशनल सभा है।
इससे पहले कि मोदी कार्यकर्ताओं को मोटिवेट कर पाते, अचानक मौसम ने पलटा खाया और धूल भरी आंधी चलीे कि लोग मोदी को छोड आंधी को देखने लगे, कैमरे आंधी कीे ओर घूम गये, और मोदी को जर्क के साथ अपना भाषण समाप्त करना पडा, और पत्रकार दीर्घा में फिर फुसफुसाहट सुनाई दी कि मालिकों के अखबार है, चैनल है, हमारी मजबूरी है सत्य को दिखा नहीं सकते, चाहें कुछ भी दिखाये, लेकिन असलियत तो यही है कि मोदी को ले उडी राजस्थान की आंधी।


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