सरकार और प्रशासन पर लग जाता है अंकुश
चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही प्रदेश सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग जाते हैं. सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं. वे आयोग दिशा-निर्देशों पर ही काम करते हैं. आदर्श आचार संहिता के लागू होते ही मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान सरकार और प्रशासन पर अंकुश लग गया है.
जयपुर । चुनाव आयोग ने राजस्थान समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की घोषणा करते हुए चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। चुनाव आयोग की ओर से तारीखों का ऐलान करने के साथ ही चारों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि राजस्थान, मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ , मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव प्रक्रिया को 15 दिसंबर से पहले पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के अधिसूचना 12 नवंबर को जारी होगी। जबकि नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 19 नवंबर होगी।
यह रहेगा कार्यक्रम
अधिसूचना- 12 नवंबर
नामांकन- 19 नवंबर
जांच काम- 28 नवंबर
नामांकन पर्चा वापसी की अंतिम तारीख 22 नवंबर
मतदान- 7 दिसंबर
मतगणना 11 दिसंबर
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्यों में (आदर्श आचार संहिता/आचार संहिता) लागू हो गई है. चुनाव आचार संहिता, चुनाव आयोग के वो निर्देश हैं, जिसका पालन इलेक्शन खत्म होने तक हर दल और हर प्रत्याशी को करना होता है.
चुनाव आचार संहिता का पालन न करने वाले उम्मीदवार के खिलाफ इलेक्शन कमीशन को कार्रवाई करने का अधिकार होता है. चुनाव आयोग उसे चुनाव लड़ने से रोक सकता है. प्रत्याशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है और दोषी पाए जाने पर उसे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.
सरकार और प्रशासन पर लग जाता है अंकुश
चुनाव आचार संहिता के लागू होते ही प्रदेश सरकार और प्रशासन पर कई अंकुश लग जाते हैं. सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं. वे आयोग दिशा-निर्देशों पर ही काम करते हैं. आदर्श आचार संहिता के लागू होते ही मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान सरकार और प्रशासन पर अंकुश लग गया है.
अब क्या होगा-
⦁ राज्यों के मुख्यमंत्री या मंत्री अब न तो कोई घोषणा कर सकेंगे.
⦁ न शिलान्यास, लोकार्पण या भूमिपूजन किया जा सकेगा.
⦁ सरकारी खर्च से ऐसा कोई आयोजन नहीं होगा, जिससे किसी भी पार्टी को लाभ पहुंचता हो.
⦁ राजनीतिक दलों के आचरण और क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है.
आचार संहिता के लागू होने पर क्या हो सकता है और क्या नहीं-
⦁ कोई भी पार्टी ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद हों.
⦁ राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों.
⦁ धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जा सकता है.
⦁ मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें। जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि।
⦁ किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें।
⦁ किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें.
⦁ सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए.
⦁ पार्टी और प्रत्याशी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहां निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है.
⦁ सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की इजाजत पहले ही ले लें.
⦁ जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को दें. पब्लिक को परेशान न करें.
⦁ राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें.
⦁ जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जो माहौल का बिगाड़े.
मतदान के दिन के नियम
⦁ अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दें.
⦁ मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो.
⦁ मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए.
⦁ मतदान केंद्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं.
⦁ मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करें.
ये काम नहीं कर सकेंगे मुख्यमंत्री और मंत्री
⦁ शासकीय दौरा नहीं कर सकते, जब तक कुछ बड़ा न हो.
⦁ परियोजना या योजना की आधारशिला नहीं रख सकते.
⦁ कोई भी सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन नहीं दे सकते.
⦁ सत्ताधारी दल के लिए नियम
⦁ मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार के कार्य न करें.
⦁ शासकीय मशीनरी और कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें.
⦁ सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग न हो.
⦁ सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो।
⦁ सरकारी आवासों का उपयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं होगा.
⦁ सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिए उपलब्धियां न गिनवाएं.
⦁ कैबिनेट की बैठक नहीं करेंगे.
अधिकारियों के लिए नियम-
⦁ सरकारी कर्मचारी किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता और गणना एजेंट नहीं बनेंगे.
⦁ चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे.
⦁ जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा और अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं हो सकते.
⦁ किसी के साथ भेदभाव नहीं करेंगे.
ये है आदर्श आचार संहिता जिसका पालन चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को करना होता है.

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