मंगलवार, 16 अक्टूबर 2018

प्रशांत किशोर बने जनता दल (यूनाइटेड) के उपाध्यक्ष

इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) की स्थापना करने वाले किशोर भाजपा से अलग होने के बाद साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू के लिए प्रचार किया था
बीते 16 सितंबर को प्रशांत किशोर ने जदयू में शामिल हुए थे
जनता दल (यूनाइटेड) अध्यक्ष नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया. इस नियुक्ति से किशोर एक तरह से पार्टी में दूसरे सबसे ताकतवर नेता बन गए हैं.

चुनावी रणनीतिकार के रूप में कई पार्टियों के लिए काम कर चुके किशोर हाल ही में बिहार में सत्ताधारी पार्टी में शामिल हुए थे.

किशोर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का क़रीबी माना जाता है.

जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने बताया कि किशोर की नियुक्ति से पार्टी को अपना जनाधार व्यापक बनाने में मदद मिलेगी.

इससे पहले बीते 16 सितंबर को प्रशांत किशोर ने जदयू में शामिल हुए थे.

मालूम हो कि प्रशांत किशोर ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा, 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजद, जदयू और कांग्रेस महागठबंधन और 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए प्रचार अभियान किया था. हालांकि, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को प्रशांत किशोर जीत दिलाने में असफल रहे थे पर पंजाब में वे उसे जीत दिलाने में सफल रहे थे.

वर्ष 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रशांत किशोर को नरेंद्र मोदी के चुनावी रणनीतिकार के तौर पर जाना गया था. कहा जाता है कि 2014 में भाजपा के प्रचार को ‘मोदी लहर’ में बदलने के पीछे उनकी बड़ी भूमिका थी.

प्रशांत ने बाद में भाजपा के धुर विरोधियों से हाथ मिला लिया और 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के चुनावी रणनीतिकार की भूमिका निभाते हुए महागठबंधन को भारी जीत दिलायी थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) की स्थापना करने वाले किशोर में भाजपा से अलग होने के बाद साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू के लिए प्रचार किया था.

चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस महागठबंधन की सफलता के बाद नीतीश कुमार ने योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए प्रशांत किशोर का अपना सलाहकार बना लिया. उस वक़्त किशोर कैबिनेट मंत्री का दर्जा रखते थे.

हालांकि पिछले साल जदयू ने राजद और कांग्रेस महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा से हाथ मिला लिया था.

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