जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 2 अक्टूबरको सुशीलपुरा से बम्बाला तक 16 किलोमीटर क्षेत्र में द्रव्यवती नदी परियोजना का लोकार्पण करेंगी।
नगरीय विकास स्वायत्त शासन एवं आवासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने बताया कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता ही है कि उन्होंने द्रव्यवती नदी परियोजना को मूर्तरूप देने की पहल करते हुए परियोजना क्षेत्र के विकास एवं सौंर्दर्यीकरण स्विस चैलेंज पद्धति के तहत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कराने के निर्देश दिए थे।
जयपुर विकास आयुक्त वैभव गालरिया ने बताया कि जयपुर में ग्राम जैसलिया से प्रारम्भ होकर लगभग 47.50 किमी दूर ढूंढ नदी मेें जाकर मिलने वाली द्रव्यवती नदी की निर्मल धारा प्रदूषित नाले के रूप में परिवर्तित हो गई थी जिसका प्रदूषित जल, बदबूदार वातावरण गंदगी के ढेर ना केवल आस-पास की आबादी की परेशानी व बीमारियों के कारण बने हुए थे बल्कि यह शहर की खूबसूरती को भी प्रभावित कर रहे थे।
जेडीसी ने बताया किया द्रव्यवती नदी परियोजना क्षेत्र में वर्षभर नदी में 30 सेमी पानी बना रहे, इसके लिए प्रत्येक 300 मीटर पर चेक डेम बनाए गए हैं। नदी में सीकर रोड, देवरी, रीको क्षेत्र, बम्बाला एवं गोनेर क्षेत्र में 170 एमएलडी क्षमता के पाॅच एसटीपी प्लाॅट भी स्थापित किये गए हैं। नदी के 38 किमी में दोनों ओर साईकल ट्रेक का भी निर्माण करवाया गया। स्मार्ट साईकल ग्रीनराईड एप से बुक करा नागरिक साईकिलिंग का आनंद भी उठा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि द्रव्यवती नदी परियोजना में पानीपेच सीकर रोड पर 3.68 हैक्टेयर, शिप्रापथ मानसरोवर पर 2.95 हैक्टेयर एवं बम्बाला पुलिया के पास 2.98 हैक्टेयर क्षेत्र में तीन वृहत उद्यान विकसित किए गए हैं। परियोजना क्षेत्र में विकसित होने वाले तीनों ही उद्यान विशेष थीम पर आधारित हैं। जिसमें पानीपेच पर बर्ड पार्क, बम्बाला में बोटेनिकल पार्क और शिप्रापथ पार्क में सुंदर उद्यान विकसित किया गया है। बर्ड पार्क स्थित 100 वर्ष से अधिक पुराने वाॅटर पम्प हाउस को म्यूजियम में परिवर्तन कर एक ओर कैफे का भी निर्माण किया है। इसके अलावा नदी पर लगभग 17 हजार पेड-पौंधे, सजावटी पौंधे एवं झाडियाॅ लगाई गई हैं।
गालरिया ने बताया कि द्रव्यवती नदी परियोजना के 30 किमी क्षेत्र चौबीसों घण्टे सीसीटीवी की नजर में रहेगा। साथ ही वाई-फाई, आई-कियोस्क, स्मार्ट डस्टबिन, वेरिएबल मैसेज साईनेजज, नदी के शहरी क्षेत्र में पब्लिक अनाउनसमेंट सिस्टम लगाए गए हैं। साथ ही नदी क्षेत्र में फुटपाथ, सुविधा क्षेत्र, स्ट्रीट लाईट्स आदि सुविधाओं से युक्त रहेगा। साथ ही 45 स्थानो पर सार्वजनिक शौचालय भी बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि परियोजना में बाढ के समय इस नदी के जरिए पानी आसानी से निकाला जा सके, इसकी उचित रूप से व्यवस्था की गई है। यह नदी सभी अतिक्रमणों से मुक्त है। इससे आस-पास की बहुमूल्य जमीन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और आस-पास के क्षेत्रों की परिसम्पत्तियों का मूल्य में बढोतरी हुई है। इससे शहर के नागरिकों के लिए सम्पत्ति सृजन हुआ है तथा शहर में सामान्य तौर पर आर्थिक गतिविधियों में बढोतरी होगी।
द्रव्यवती नदी से शहर को स्वच्छ वायु मिलेगी और गंदे नाले की बदबू से भी निजात मिलेगी। सीवेज के परिशोधन से नदी का जल साफ रहेगा और इससे भूजल के स्तर में भी सुधार होगा। साथ सीवेज के पानी में सब्जियां उगाने पर रोक लगेगी। नदी के दोनों तरफ लैंडस्केप और वृक्षारोपण से जयपुर का वातावरण बेहतर होगा और नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार होगा।
उन्होंने बताया शिप्रापथ पार्क में नागरिकों को द्रव्यवती नदी परियोजना की जानकारी मिल सके। इसके लिए प्रदर्शनी और जागरूकता केन्द्र का निर्माण करवाया गया है। यहाॅ द्रव्यवती नदी के कायाकल्प से पहले और बाद की स्थिति को दिखाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि टाटा प्रोजेक्टस लिमिटेड-एसयूसीजी द्वारा परियोजना का संचालन और रखरखाव, नदी, सीवेज इंटरसेप्शन नेटवर्क, लैडस्केप और जनसुविधाओं का संचालन तथा रखरखाव दस वर्ष तक किया जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें