जयपुर,वाणिज्य संवाददाता। फ्रांस की कंपनी मायसंस डू मोंडे की मिस इरिना कूप ने पिंकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि उनकी कंपनी द फोरेस्ट ट्रस्ट के साथ मिलकर इस वुड कंट्रोल सिस्टम पर कई सालों से काम कर रही है। वुड कंट्रोल सिस्टम प्रणाली यह बता देती है कि हम जो लकड़ी का फर्नीचर खरीदते हैं वह फर्नीचर किस लकड़ी से बनाया गया है और इससे पर्यावरण को कितना नुकसान हुआ है।
द फोरेस्ट ट्रस्ट मायसंस डू मोंडे की सप्लाई चैन के साथ जमीनी स्तर पर कार्य करता है, इसमें लकड़ी किसान से सीधे एक्सपोर्टर तक आती है और इसे वुड कंट्रोल सिस्टम के लायक बनाया जाता है, इस तरीके से आम और शीशम के पेड़ों की लकड़ी के उपयोग और उनकी पहचान को भी ट्रेस किया जा सकता है, साथ ही प्रत्येक पेड़ की लोकेशन व उसके मालिक का भी पता लगाया जा सकता है, इसके अलावा प्रोडक्ट को त्वरित प्रतिक्रिया कोड़ के साथ मार्केट में लाया जाता है, इस कोड को स्कैन करके खरीदी गई लकड़ी का पूरा इतिहास जाना जा सकता है कि वह लकड़ी किस जंगल से लाई गई है, किस ग्रुप की है, उसका मालिक कौन है।
मिस इरिना कूप ने बताया कि यूरोपीय कंपनियों को अपने ग्राहकों को भी संतुष्ट रखना होता है, इस सिस्टम से पता लगाना असंभव नहीं है कि वह क्वालिटी प्रोडक्ट है या नहीं, इससे सप्लाई चेन में पारदर्शिता आती है, क्वालिटी कंट्रोल में सुधार होता है।
द फोरेस्ट ट्रस्ट के ग्रेगोयर ने कहा कि विश्व में लाखों लोग लकड़ी के माध्यम से अपनी आजीविका चलाते है, इसके संरक्षण के लिये सामूहिक जिम्मेदारी का निर्वहन करने हुए आगे आना ही होगा। द फोरेस्ट ट्रस्ट इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।

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