राजनीतिक दलों के बीच चुनावी संघर्ष जारी है। वहीं, सत्ता को बचाए रखने के लिए भाजपा ने राजस्थान को तीन हिस्सों नें बांटते हुए बड़ी रणनीति बनाई है।
जयपुर । सत्ता बचाए रखने और चुनावी मैदान में कांग्रेस को धोबी-पछाड़ मारने के लिए भाजपा ने सधी रणनीति के तहत बड़ा दांव खेला है. पार्टी के चाणक्य अमित शाह ने पूरे राजस्थान को सही ढंग से साधने के लिए उसे संघ की तर्ज पर तीन भागों में बांट दिया है. साथ ही राजस्थान में जातिगत समीकरणों को अपने पक्ष में करने के लिए बनाई गई विशेष टीम को हर प्रांत की जिम्मेदारी सौंपी है. विशेष टीम पार्टी के तय ऐजेंडे के तहत 10 अक्टूबर से राजस्थान का दौरा करेगी.
चुनाव के मैदान में एक-एक दिन बीतने के साथ ही राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष तेज होता जा रहा है. प्रदेश की जमीनी हालात को भांप चुके पार्टी अध्यक्ष शाह ने चुनावी कमान संभालने के साथ ही अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. इसके तहत शाह ने पूरे राजस्थान को संघ की तर्ज पर जयपुर, जोधपुर और चित्तौड़गढ़ के प्रांत में बांटा है. साथ ही जातिगत विरोध को देखते हुए शाह मैदान में अपनी विशेष टीम को उतारने जा रहे हैं. इस टीम में केंद्रीय राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, सतीश पूनिया, अर्जुन मेघवाल शामिल हैं.
साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, वी.सतीश और चंद्रशेखर को भी शामिल किया गया है. ये टीम प्रदेशभर का दौरा 10 अक्टूबर से शुरू करने जा रही है. इस दौरै के दौरान टीम के सदस्य विधानसभा की स्थिति, वहां के जातिगत हालात, सरकार का कामकाज, सीएम और पीएम की लोकप्रीयता आदि के बारे में फीडबैक एकत्रित करेंगे. साथ ही पार्टी के भीतर संबंधित जगह होने वाले विवाद आदि के बारे में जानकारी एकत्रित करेंगे.
किसे कहां की जिम्मेदारी सौंपी है
पार्टी सूत्रों का कहना है कि शाह की ओर से बनाई गई विशेष टीम के तहत राजपूतों के वर्चस्व को देखते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत को चित्तौड़गढ़ प्रांत की जिम्मेदारी सौंपी है. इनके साथ संगठन को मजबूती देने के लिए चंद्रशेखर रहेंगे. इसी प्रकार जाटों के वर्चस्व को देखते हुए सतीश पूनिया को जोधपुर प्रांत दिया गया है, इस दौरान साथ में वी सतीश रहेंगे. वहीं, अर्जुन राम मेघवाल को जयपुर प्रांत की जिम्मेदारी दी गई है. इस प्रांत में एससी का वर्चस्व होने के कारण वे यहां जातिगत समीकरण को साधेंगे. इस दौरान साथ में प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना रहेंगे. वे इस प्रांत में संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती देने के लिए काम करेंगे.

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