बुधवार, 8 जुलाई 2020

राजस्थान प्रदेश में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट हुआ लागू

जयपुर। करीब 10 महीने बाद राज्य सरकार ने प्रदेश में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट  के प्रावधानों को लागू कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बुधवार शाम परिवहन विभाग ने इसे लेकर नोटिफिकेशन भी जारी  कर दिया है। इसके तहत अगर अब आप प्रदेश में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते है तो यह आपको महंगा नहीं काफी महंगा पड़ सकता है। 

अभी तक पुराने एक्ट के अनुसार ही जुर्माना राशि वसूल की जा रही थी

दरअसल केन्द्र सरकार ने 1 सितंबर 2019 को मोटर व्हीकल एक्ट-1988 के संशोधित प्रावधानों को पूरे देश के लिए लागू कर दिया था. लेकिन राजस्थान सहित कई राज्यों ने जुर्माना राशि को अधिक बताते हुए इसे अपने यहां लागू नहीं किया था। इसके चलते प्रदेश में पुराने एक्ट के अनुसार ही जुर्माना राशि वसूल की जा रही थी. लेकिन अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंजूरी के बाद प्रदेश में भी संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लागू कर दिया गया है।

अब ट्रैफिक नियमों को तोड़ना पड़ेगा भारी

ऐसे में अगर अब आप ट्रैफिक नियमों की पालना में लापरवाही बरतते हैं तो आपको यह महंगा पड़ सकता है. हालांकि सामान्य अपराध जैसे लाल बत्ती जम्प करने, सड़क चिन्ह की अवहेलना करने, पार्किंग नियम तोड़ने, अनाधिकृत सायरन या लाइट लगाने, वाइपर नहीं होने, काली फिल्म लगाने जैसे सामान्य श्रेणी के अपराधों के लिए टू व्हीलर के लिए जुर्माना राशि 100 और फॉर व्हीलर के लिए 200 रुपए ही रखी गई है


यह है नई जुर्माना राशि के प्रावधान

बिना हेलमेट - 1 हजार रुपयेट,बिना सीट बेल्ट- 1 हजार रुपये,टू व्हीलर पर तीन सवारी- 1 हजार रुपये,बिना इंशयोरेंस- 2 हजार रुपये,बिना लाइसेंस- 5 हजार रुपये,तेज गति से बाइक व कार चलाने पर- 1 हजार रुपये,तेज गति से टूरिस्ट व भारी वाहन चलाने पर- 2 हजार रुपये,

खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर- 1 हज़ार रुपये, दूसरी बार यही अपराध करने पर- 10 हज़ार रुपये।

वाहन गति मापने और बिना अनुमति रेसिंग- 5 हज़ार रुपये, दूसरी बार यही अपराध करने पर 10 हज़ार रुपये।

ध्वनि व वायु प्रदूषण- बाइक के 500 और कार के 1500, अन्य वाहनों की जुर्माना राशि अलग-अलग है।

बिना रजिस्ट्रेशन व फिटनेस के दुपहिया वाहन- 2 हजार रुपये, इसी हालत में दुबारा पाये जाने- 5 हज़ार रुपये।

बिना रजिस्ट्रेशन व फिटनेस के यात्री वाहन- 5 हज़ार रुपये, दुबारा पाये जाने पर- 10 हज़ार रुपये।

एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड को रास्ता नहीं देने पर- 10 हज़ार रुपए।

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