जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि, कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार राजस्थान के लोगों के मन से उतर गई। इस सरकार का चले जाना ही जनता के हक में है। सचिन पायलट को समर्थन देने के सवाल पर पूनिया ने कहा कि, हम परिस्थितयों के हिसाब से देखेंगे की क्या किया जाएगा. हालांकि सारे विकल्प खुले हैं, हम अलाकमान से बंधे हैं, जो फैसला वो करेंगे वो माना जाएगा।
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने पार्टी कार्यालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि, हमने बहुत पहले कहा था कि कांग्रेस सरकार की बुनियाद अंतरकलह और अंतर्विरोध पर है। राज्यसभा चुनाव में किसी तरह डेमेज कंट्रोल किया होगा, लेकिन अब कांग्रेस की फूट भी उजागर हो गई और डेमेज कंट्रोल भी फेल हो गया।
पूनिया ने कहा कि बाबू जगजीवन राम, नरसिंहाराव से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया तक कांग्रेस में उपेक्षित रहे। इस उपेक्षा से कांग्रेस की नई पीढ़ी के नेताओं में आक्रोश रहा है। युग के हिसाब से कांग्रेस ने अपने आप को नहीं बदला।
बीजेपी नेता ने कहा कि, कांग्रेस सरकार 2008 में भी अल्पमत में थी और बसपा को तोड़कर बहुमत हासिल किया। अब 2018 में भी यही खेल हुआ। कांग्रेस के पास आज भी बहुमत की सरकार नहीं थी. निर्दलीयों के बसपा के आधार पर बहुमत साबित किया। पायलट ने पूरे पांच साल गांव-गांव घूमकर पार्टी को खड़ा किया, लेकिन उनकी उपेक्षा की गई। सरकार अपने वादों पर खरा नहीं उतरी। सरकार पौने दो साल में अपराधों पर लगाम लगाती, किसानों के कर्ज माफ करती, लेकिन एक भी काम नहीं किया। पूनिया ने आरोप लगाया कि सरकारी मशीनरी कोरोना के प्रबंधन के बजाय अशोक गहलोत सरकार को बचाने में लगे रहे।

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