भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं की दूसरी पीढ़ी राजनीति में आ गई है। प्रेम कुमार धूमल से लेकर वसुंधरा राजे, रमन सिंह, कल्याण सिंह, मदनलाल खुराना, कैलाश विजयवर्गीय सहित कई नेताओं के बच्चे सांसद, विधायक बने या चुनाव लड़े। अब कुछ नए नेताओं की बारी है। पिछले 20 साल में भाजपा की राजनीति करते हुए अखिल भारतीय स्तर पर लोकप्रिय हुए कुछ बड़े नेताओं के बेटे-बेटी राजनीति में या सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हो सकते हैं। खास कर ऐसे नेताओं के बच्चे, जिनका हाल के दिनों में निधन हुआ है।
बताया जा रहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली को दिल्ली व जिला क्रिकेट एसोसिएशन, डीडीसीए का अध्यक्ष बनाया जाएगा। जेटली भी डीडीसीए के अध्यक्ष रहे हैं। रोहन की यहां से शुरुआत होगी, उसके बाद वे राजनीति में भी आ सकते हैं। इसी तरह सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज के भी राजनीति में सक्रिय होने की अटकलें हैं। अभी वे वकालत करती हैं। गोवा के दिग्गज नेता रहे पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे को भाजपा ने टिकट नहीं दी थी पर खबर है कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में वे सक्रिय राजनीति में उतर सकते हैं। कर्नाटक के दिग्गज नेता अनंत कुमार की पत्नी तेजस्विनी की दिलचस्पी राजनीति में है पर पार्टी ने अभी इसके बारे में फैसला नहीं किया है। अनंत कुमार की सीट पार्टी के एक युवा नेता तेजस्वी सूर्या को दो दी गई। शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय चौहान के भी सक्रिय राजनीति में उतरने की चर्चा काफी दिन से चल रही है।

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