जयपुर। राजस्थान का सियासी संकट जारी है। इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सीएम ने कहा कि एक छोटी खबर भी नहीं पढ़ी होगी किसी ने, जिसमें कहा गया हो कि पायलट साहब को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटाना चाहिए। हम जानते थे कि वो निकम्मा है, नकारा है, कुछ काम नहीं कर रहा है खाली लोगों को लड़वा रहा है।
सचिन छह महीने से रच रहे थे साजिश- गहलोत
इसके अलावा गहलोत ने कहा कि पायलट सात तक तक राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष रहे, जो कि बड़ी बात है। उन पर सोनिया गांधी का विश्वास था, लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के छह महीने बाद ही वह भाजपा के साथ मिलकर साजिश रचने लगे। साथ ही कहा कि सचिन पायलट ने जो खेल खेला वो दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी को यकीन नहीं होता था कि वो ऐसा कर सकता था है। मासूम चेहरा, हिंदी व अंग्रेजी में अच्छी कमांड के साथ उन्होंने पूरे देश की मीडियो को प्रभावित कर रखा है।
गहलोत ने कही ये बात
गहलोत ने कहा कि कभी हमने 7 साल में पीसीसी चीफ बदलने की मांग नहीं की। पता था कि वह निकम्मा और नाकारा है, मैं कोई बैंगन या सब्जी बेचने नहीं आया हूं। मैं यहां सीएम बनने आया हूं। यही नहीं, हमने यहां के लोगों को उनका मान सम्मान करना सिखाया। वो व्यक्ति कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपकर गया। साथ ही गहलोत ने कहा कि यह खेल 10 मार्च को होना था और रात को 2 बजे गाड़िया जानी थीं। राजेश पायलट के स्मारक से सीधे निकलना था और इसके कॉर्पोरेट हाउस स्पॉन्सर थे।
वकीलों के लिए कहां से आया रुपया
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी को लेकर कहा कि ये लोग कौन हैं। उनकी एक पेशी की फीस 30 लाख से 50 लाख तक है। इसके लिए पैसा कहां से आ रहा है। सचिन पायलट क्या ये पैसा अपनी जेब से दे रहे हैं। इनकम टैक्स के छापे पड़ गए। इसके अलावा 2 दिन पहले मेरे पास खबर आ गई थी कि सीएम के नजदीकी लोगों के यहां छापेमारी होगी। राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया दिल्ली गए और बाद में मना कर रहे हैं। पायलट भी जयपुर से छुपकर और खुद गाडी चलाकर जाते थे। बीजेपी पूरा खेल खेल रही है। सीएम ने आगे कहा कि हमारे यहां जो लोग हैं वो फ्री हैं किसी से बात करने के लिए। वहां से कई लोग रो रहे हैं और यहां आना चाहते हैं। एक युवा साथी जिसे कांग्रेस की सम्पत्ति समझा जाता था,वो ऐसा कर रहा है। कांग्रेस की सरकार शानदार काम कर रही है, लेकिन ये चाहते हैं सरकार की बदनामी कैसे हो। पहली बार कोई पीसीसी चीफ सरकार को डुबोना चाहता था। साथ ही उन्होंने बागियों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे यहां होटल का पैसा पार्टी देगी, लेकिन उनका कौन देगा। उम्मीद है कोर्ट से न्याय मिलेगा और बीजेपी के लिए ये कदम आत्मघाती साबित होगा। जनता अगले चुनाव में इसका बदला जरूर लेगी।

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