मंगलवार, 21 जुलाई 2020

अब मोदी बचाएंगे बिहार को!

बिहार में राजनीति तेजी से बदल रही है। कोरोना वायरस का संकट बढ़ रहा है और साल के अंत में होने वाले चुनाव को टालने का दबाव बन रहा है। चुनाव आयोग 34 हजार ज्यादा पोलिंग स्टेशन बना कर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए चुनाव कराने की तैयारी में है। भाजपा और जदयू दोनों सीट बंटवारे से लेकर वर्चुअल रैली के जरिए प्रचार के काम में लगे हैं। और इसी बीच बिहार का राजनीतिक नैरेटिव भी तेजी से बदल रहा है। भाजपा ने भले ऐलान किया है कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर लड़ेगी लेकिन ऐसा लग रहा है कि भाजपा को उनके चेहरे पर बहुत यकीन नहीं है। भाजपा नेताओं का एक बड़ा वर्ग ऐसा है, जो पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं को समझा रहा है कि नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ना बहुत फायदेमंद नहीं होगा क्योंकि 15 साल के राज की वजह से एंटी इन्कंबैंसी बहुत ज्यादा हो गई है। भाजपा नेताओं का यह वर्ग अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम आगे कर रहा है और यह प्रचार कर रहा है कि अब मोदी बचाएंगे बिहार को।

जिस दिन से कोरोना वायरस की स्थिति का आकलन करने और राज्य सरकार की मदद के लिए केंद्रीय टीम भेजे जाने की चर्चा शुरू हुई उसी दिन से बिहार में भाजपा के नेताओं ने प्रचार शुरू कर दिया कि अब मोदी बचाएंगे बिहार हो। यह बात गांव-गांव तक पहुंचाई जा रही है कि बिहार को कोरोना से अब मोदी बचाएंगे। इस क्रम मे यह भी कहा जा रहा है कि कैसे अमित शाह ने दिल्ली की कमान संभाली तो दिल्ली में कोरोना कंट्रोल हो गया, उसी तरह बिहार में भी कोरोना को अब केंद्रीय टीम कंट्रोल करेगी। भाजपा की ओर से हो रहे इस प्रचार से दो मकसद पूरे हो रहे हैं। पहला तो यह कि नीतीश कुमार से कोरोना के केसेज नहीं संभल रहे हैं। कोरोना के बहाने इस तरह नीतीश के नेतृत्व पर ही बड़ा सवाल खड़ा किया जा रहा है। इससे अब तक के शासन की सारी विफलता उनके सर हो जाएगी। दूसरा मैसेज यह है कि नरेंद्र मोदी कितने सक्षम हैं और बिहार का कितना ख्याल रखते हैं। इस प्रचार से भाजपा ने जदयू और मुख्यमंत्री को दबाव में ला दिया है। यह दबाव भाजपा को टिकट बंटवारे में भी बहुत काम आएगा। ध्यान रहे दोनों पार्टियों के बीच टिकट बंटवारे का मसले अब भी उलझा हुआ है। 

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