रविवार, 12 जुलाई 2020

राजस्थान में जारी सियासी हलचल

 मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान  में भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती है। कहा जा रहा है कि एक बार फिर से उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट  और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत  के बीच तलवारें खींच गई हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सचिन पायलट इस वक्त बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं के साथ संपर्क में हैं। कहा जा रहा है कि पायलट को 23 विधायकों का समर्थन है, जिसमें 3 निर्दलीय एमएल भी शामिल हैं। सूत्र दावा कर रहे हैं कि लॉकडाउन के पहले से ही पायलट की बीजेपी के नेताओं से बातचीत चल रही है।

इस बीच दिल्ली में सचिन पायलट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से बात की है। वहीं सीएम निवास पर आज रात 9 बजे फिर मंत्रियों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा होगी, जयपुर में मौजूद सभी मंत्रियों को बुलाया गया है। उधर गलहोत खेमे के बताए जा रहे राज्य के खेल मंत्री अशोक चांदना ने पायलट पर एक तरह से तंज कसते हुए कहा कि जिन नेताओं के पास बीजेपी से फोन आ रहे हैं, वे मध्यप्रदेश में कांग्रेस छोड़कर गए ज्योतिरादित्य और अन्य विधायकों की दुर्गति देख लें।  यहां भी जो कुछ नेता मंसूबे पालकर बैठे हैं, वे उनकी दुर्गति को देख लें।

 राजस्थान में जारी सियासी हलचल की  बड़ी बातों पर।


बीजेपी ने इन खबरों का खंडन किया है कि वो सचिन पायलट को मुख्यमंत्री का पद देने वाले हैं। सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को इस वक्त 45 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में बीजेपी की पहली प्राथमिकता है कि वो अशोक गहलोत की सरकार को गिराए। कुछ नेताओं का दावा है कि पायलट ने सोनिया गांधी को बताया है कि वो बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे बल्कि एक क्षेत्रीय पार्टी बना सकते हैं।

राजस्थान में सरकार गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर राजस्थान पुलिस के स्पेशल आपरेशन ग्रुप (SOG) ने केस दर्ज किया है। इस मामले में SOG ने पूछताछ के लिए सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत को भी तलब किया है। बताया जा रहा है कि सचिन पायलट एसओजी की इस नोटिस को लेकर अशोक गहलोत से खासे नाराज़ हैं। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री उन्हें हाशिये पर धकेलना चाहते हैं। वहीं सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस हाईकमान को भी गहलोत का यह कदम नगवार गुजरा है।

दरअसल विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में SOG ने शुक्रवार को सचिन पायलट को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। बताया जा रहा है कि सचिन पायलट और बाकि 12 विधायक इसे लेकर सीएम अशोक गहलोत से काफी खफा हैं। ये सभी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हैं।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में सचिन पायलट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से बात की है। इसमें उन्होंने राजस्थान में सियासी हलचल की जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक अहमद पटेल ने सचिन पायलट से कहा कि पार्टी उन्हें किसी भी तरह दरकिनार नहीं होने देगी और उनकी शिकायतों पर ध्यान दिया जाएगा।

इस बीच सीएम गहलोत से मिलने के लिए मुख्य सचेतक महेश जोशी, उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, मंत्री टीकाराम जूली मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के कई अन्य विधायकों के भी सीएम हाउस पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसे एक तरह से गहलोत के अनौपचारिक शक्ति परीक्षण की तरह देखा जा रहा है, जहां वे अपने समर्थक विधायकों को टटोलने में लगे हैं।

इससे पहले अशोक गहलोत ने बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व के इशारे पर गुलाबचंद कटारिया, सतीश पूनिया और राजेंद्र राठौड़ पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया।

इस बीच गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा है कि एसओजी को जो कांग्रेस विधायक दल ने बीजेपी नेताओं द्वारा खरीद-फरोख्त की शिकायत की थी उस संदर्भ में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, चीफ व्हिप एवम अन्य कुछ मंत्री व विधायकों को सामान्य बयान देने के लिए नोटिस आए हैं। कुछ मीडिया चैनलों द्वारा उसको अलग ढंग से प्रस्तुत करना उचित नहीं है।

डिप्टी सीएम सचिन पायलट को एसओजी ने पूछताछ के लिए धारा 160 के तहत नोटिस भेजा गया है। इसमें एसओजी ने सरकार गिराने के षड्यंत्र के मामले में पूछताछ करने की बात कही है। बताया गया है कि सचिन पायलट के साथ-साथ राजस्थान के कुछ निर्दलीय विधायकों को भी SOG ने ऐसी चिट्ठी भेजी है। निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने चिट्ठी मिलने की पुष्टि की है।

उधर शनिवार देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अपनी लॉबी तैयार हो गई है। गहलोत को देर रात कई विधायकों और मंत्रियों ने समर्थन पत्र सौंपे और गहलोत के नेतृत्व में भरोसा जताया।

इन सब हचचलों के बीच कपिल सिब्बल ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'अपनी पार्टी के लिए चिंतित हूं। क्या हम तभी जागेंगे जब चीज़ें हमारे हाथ से निकल जाएंगी।' अपने इस ट्वीट के जरिए कपिल सिब्बल ने न केवल अपनी चिंता जताई है बल्कि अपनी नाराजगी भी दिखा दी है। उन्होंने अपने इस ट्वीट के जरिए पार्टी आलाकमान को संदेश दिया है कि वक्त रहते अगर सही फैसले नहीं लिया गया तो पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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