मंगलवार, 14 जुलाई 2020

कांग्रेस ने सचिन पायलट को आखिर पार्टी से क्‍यों नहीं निकाला?

राजस्‍थान  में सियासी घमासान के बीच मंगलवार को कांग्रेस  ने बगावत करने वाले नेता सचिन पायलट  को प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष पद और उप मुख्‍यमंत्री पद से हटा दिया है।सचिन पायलट की बगावत के कारण अशोक गहलोत  की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 200 सदस्‍यों वाली राजस्‍थान विधानसभा में गहलोत सरकार के पास करीब 100 विधायकों के समर्थन का दावा किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस ने पार्टी सभी पदों से पायलट को हटाने के साथ ही उनका समर्थन करने वाले दो मंत्रियों का भी मंत्रिपद छीन लिया है। इन सबके बावजूद किसी को भी पार्टी से बाहर नहीं निकाला गया है। इसके पीछे भी एक गणित है।

ऐसा माना जा रहा है कि सचिन पायलट के पास 17 विधायकों का समर्थन है। इनमें खुद वो और तीन निर्दलीय विधायक हैं। ऐसे में अगर इन 17 विधायकों को पार्टी से निकाला जाता है तो संसदीय नियमों के मुताबिक वह एक अलग निर्दलीय मोर्चा बना सकते हैं या फिर बीजेपी में भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा अहम बात यह है कि फिर उन्‍हें गहलोत सरकार के खिलाफ विश्‍वास मत के दौरान वोट करने का भी अधिकार मिल जाएगा।

वहीं अगर कांग्रेस इन सभी 17 विधायकों को विश्‍वास मत की वोटिंग पहले ही अयोग्‍य साबित करती है तो इससे बहुमत का आंकड़ा वर्तमान आंकड़े से कम हो जाएगा. वर्तमान में बहुमत का आंकड़ा 101 है। अगर इन सभी 17 विधायकों को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्‍य ठहराया जाता है तो बहुमत का आंकड़ा 92 हो जाएगा। कांग्रेस के पास खुद के 90 विधायकों के होने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही 2 माकपा विधायकों के समर्थन से गहलोत सरकार विश्‍वास मत जीत सकती है।


ऐसी किसी भी स्थिति में फिर अशोक गहलोत को 10 निर्दलीय विधायकों और भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 विधायकों के समर्थन की भी जरूरत नहीं रहेगी। इन्‍होंने कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। वहीं कांग्रेस ने सचिन पायलट और उनका समर्थन कर रहे विधायकों पर पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही उसने कहा है कि पार्टी के दरवाजे हमेशा बातचीत के लिए खुले रहेंगे। अब पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल लोगों को दलबदल विरोधी कानून के तहत स्‍पीकर अयोग्‍य ठहरा सकते हैं।


इन सबके बीच बीजेपी विश्‍वास मत की बात कर रही है। सचिन पायलट अपने साथ 30 विधायकों के समर्थन की बात कह चुके हैं। उन्‍होंने यह भी कहा था कि अशोक गहलोत की सरकार अल्‍पमत में है। वहीं कांग्रेस ने शुरुआती दौर में 109 विधायक होने का दावा किया था। इसके बाद इनकी संख्‍या 107 कही थी। फिर विधायक दल की मीटिंग में 106 विधायक पहुंचे थे। वहीं भारतीय ट्राइबल पार्टी ने कहा है कि वह सरकार और बीजेपी दोनों का ही समर्थन नहीं करेगी।

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