जयपुर। राजस्थान में महिला बाल विकास विभाग ने आईएम शक्ति मिशन के अंतर्गत कई योजनाएं शुरू की, लेकिन अब तक इन योजनाओं के संचालन के लिए अब तक अफसर नहीं ढूंढ पाया।
बाल विकास विभाग को 300 पदों पर सुपरवाइजर की नियुक्तियां करनी थी, 8 महीने बाद भी भर्ती नहीं हो पाई हालांकि सुपरवाइजर के 166 पदों पर भर्ती होनी थी, लेकिन मामला हाईकोर्ट में जाने के बाद ये भर्ती भी अटक गई और कोर्ट ने स्टे लगा दिया. इस योजनाओं के संचालन के लिए हर ब्लॉक स्तर पर पदों की नियुक्तियां होनी थी।
पहली योजना- कौशल संवर्धन एवं कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना
इस योजना में 75 हजार बालिकाओं को निशुल्क कम्प्यूटर शिक्षा मिलेगी। इसके अंतर्गत तीन महीने का कोर्स राज्य सरकार मुफ्त में करवा रही है।
दूसरी योजना- वित्तीय लेखांकन प्रशिक्षण योजना
इस योजना में 5000 बालिकाओ को 2 महीने का टैली का कोर्स करवाया जाएगा।
तीसरी योजना- कौशल संवर्धन प्रशिक्षण कौशल सामर्थ्य योजना
इस योजना में कौशल उन्नयन के प्रशिक्षण करवाए जाएंगे। विधवा, sc.st, obc, ईडब्ल्यूएस, स्वयं सहायता की महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना में 1000 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
चौथी योजना- इंदिरा महिला शक्ति उत्थान योजना
इस योजना में स्वयं सहायता समूह के क्लस्टर फेडरेशन को एक करोड़ व्यक्तिगत और स्वयं सहायता समूह को 50 लाख तक का ऋण दिया जाएगा। 5000 महिलाओं को राज्य सरकार ऋण उपलब्ध करवाएगी।
पांचवी योजना- कौशल संवर्धन प्रशिक्षण शिक्षा सेतु योजना
इस योजना में ड्रॉपआउट बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ साथ स्टेट ओपन के माध्यम से 12वीं तक निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। योजना के अंतर्गत 55 हजार बालिकाओं को लाभ मिलेगा।
ऐसे में उम्मीद यही है कि विभाग तमाम पदों को भरेगा, ताकि महिलाओं के लिए संचालित की गई ये योजनाएं धरातल पर उतर सकें।

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