जयपुर। राजस्थान के सियासी संकट के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान सरकार को सशर्त विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति प्रदान कर दी है। राज्यपाल ने अपने निर्देश में कहा कि सरकार वर्तमान परिस्थितियों में 21 दिन की समयसीमा में सत्र आहूत करे, जिससे कोरोना वायरस संक्रमण के चलते विधायकों को विधानसभा में आने में परेशानी न हो। इसके साथ ही राज्यपाल ने कहा कि सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा। राजस्थान सरकार ने 31 जुलाई से सत्र को बुलाने की अनुमति मांगी है।
कांग्रेस को माननी होंगी ये शर्तें
राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान सरकार को विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति दे दी है, लेकिन उसके सामने कई शर्तें भी रख दी हैं। सत्र 21 दिन की समयसीमा में बुलाने के अलावा को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना भी जरूरी है। राज्यपाल ने सरकार से पूछा है कि विधानसभा सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किस प्रकार किया जाएगा। क्या कोई ऐसी व्यवस्था है जिसमें 200 विधायकों के अलावा 1000 से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों के जुटने पर कोरोना संक्रमण का खतरा न हो। अगर किसी को संक्रमण हुआ तो उसे कैसे रोका जाएगा। इसके अलावा बहुमत परीक्षण हो तो उसका लाइव प्रसारण भी करना जरूरी है।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने गहलोत सरकार को भेजे अपने पत्र में यह भी कहा है कि राजभवन की ऐसी कोई मंशा नहीं है कि विधानसभा सत्र न बुलाया जाए। राज्यपाल ने कहा है कि संवैधानिक नियमावली और तय प्रावधानों के तहत प्रदेश में सरकार चले, वे इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। इसलिए संविधान के अनुच्छेद 174 के तहत सरकार को विधानसभा का सत्र बुलाने का परामर्श दिया गया है।
राज्यपाल के निर्देश
1- विधानसभा सत्र 21 दिनों का नोटिस देकर बुलाया जाए, ताकि संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत मौलिक अधिकारों और सबको समान अवसर प्राप्त हो सके।
2- विश्वासमत प्राप्त करने की सभी प्रक्रिया संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की मौजूदगी में ही पूरी की जाए।
3- विश्वासमत प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई जाए।
4- विधानसभा में विश्वासमत प्राप्त करने की प्रक्रिया हां या ना के बटन दबाने के माध्यम से पूरी हो।
5- सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विभिन्न मुकदमों में अपने फैसले दिए हैं, विधानसभा में विश्वासमत प्रस्ताव के दौरान इन फैसलों का भी ध्यान रखा जाए।
6- कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा देखते हुए विधानसभा में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन हो, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
7- विधानसभा सत्र के दौरान 1000 से अधिक कर्मचारी और 200 से ज्यादा सदस्यों की उपस्थिति से कोरोना संक्रमण का खतरा न फैले, इसका भी ध्यान रखा जाए।
सीएम ने पीएम मोदी से की शिकायत
इससे पहले राजस्थान में राज्य सरकार और राजभवन के बीच टकराव के कारण विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर तीन-चार दिन से बने गतिरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्यपाल की शिकायत की थी। सीएम ने सोमवार को विधायकों से कहा कि उन्होंने कल गवर्नर (राज्यपाल) के बर्ताव के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है। उन्होंने 7 दिन पहले विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में लिखे गए पत्र के बारे में भी बातचीत की है।

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