गुरुवार, 14 मई 2020

राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश- लॉकडाउन के समय नहीं माफ होगी स्कूल फीस

जयपुर। लॉकडाउन  के समय की स्कूल फीस  माफ नहीं होगी। राजस्थान हाई कोर्ट  ने फीस माफ करने का आदेश देने से इनकार कर दिया है। हालांकि जस्टिस सबीना की खंडपीठ ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई अभिभावक इस समय फीस जमा नहीं करा पाता है तो स्कूल किसी भी हाल में बच्चे का नाम नहीं काट सकता है।

स्कूलों की आमदनी और खर्चा बराबर

लॉकडाउन काल में तीन महीने की फीस माफ कराने की मांग को लेकर अधिवक्ता राजीव भूषण बंसल ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। इसमें कहा गया था कि कोविड 19 के संक्रमण को रोकने के लिए देश और प्रदेश में लॉकडाउन चल रहा है। इससे काम धंधे ठप हो गए हैं। लोग आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में निजी स्कूलों की फीस देना आमजन के लिए संभव नहीं होगा। फिलहाल निजी स्कूलों का संचालन भी बंद है। इसी वजह से न्यायालय को स्कूलों की फीस वसूली पर रोक लगानी चाहिए। इस पर  गुरुवार को सुनवाई हुई थी।

90 प्रतिशत स्कूलों की आमदनी और खर्चा बराबर है

इस पर निजी स्कूलों के संगठन नीसा की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता शैलेषनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में 90 प्रतिशत स्कूलों की आमदनी और खर्चा बराबर है। स्कूलों की आमदनी केवल फीस के माध्य्म से ही होती है। अगर स्कूल तीन महीने की फीस माफ करेंगे तो स्कूल का संचालन करना मुश्किल हो जाएगा।

राज्य सरकार के जवाब से संतुष्ट हुई अदालत

हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता गणेश मीणा ने कहा कि राज्य सरकार ने 9 अप्रेल को नीतिगत निर्णय लेते हुए 15 मार्च से तीन महीने तक निजी स्कूलों की फीस और बकाया वसूली को स्थगित कर दिया है। इसकी पालना भी करवाई जा रही है। जवाब से संतुष्ट होते हुए अदालत ने याचिका को निस्तारित कर दिया।  


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