केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेस में आत्मनिर्भर भारत और पीएम नरेंद्र मोदी के मंगलवार के राष्ट्र के नाम संबोधन में दिए गए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के बारे में विस्तार से बात की।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के मामले में विस्तृत दृष्टिकोण दिया है। उन्होंने साफ किया कि आत्मनिर्भर (आत्मनिर्भर) भारत का अर्थ यह नहीं है कि भारत, दुनिया से एक अलग-थलग देश बन जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि माइक्रो, स्माल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) की बेहतरी के लिए छह कदम उठाए जाएंगे, इसके तहत तीन लाख करोड़ का लोन बिना गारंटी का मिलेगा।
उन्होंने इकोनॉमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड को आत्मनिर्भर भारत के लिहाज से पांच आधार स्तंभ बताया। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014-19 के बीच बहुत योजना आईं। हमारी सरकार ने कई सुधार किए। स्वच्छ भारत अभियान और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के जरिये अच्छा काम हुआ। उन्होंने कहा कि इस आर्थिक पैकेज से विकास बढ़ेगा। आत्मनिर्भर भारत के पीछे हमारी नीयत लोकल ब्रांड को भी बचाना है।उन्होंने आर्थिक पैकेज के बारे में कहा कि सबके साथ लंबे विचार विमर्श के बाद यह पैकेज तैयार किया जाएगा।
प्रेस कॉन्फ्रेस की शुरुआत में वित्तमंत्री सीतारमण ने 'आत्मनिर्भर' शब्द का चार दक्षिण भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया।वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि भारत कोरोना संकट को अपने लिए एक अवसर के तौर पर देख रहा है। कोरोना की महामारी के खिलाफ जंग में हमने त्वरित और कारगर कदम उठाए है जिसकी दुनिया में प्रशंसा भी हुई है। भारत ने इस महामारी के दौरान दूसरे देशों को दवाओं की आपूर्ति भी की जिसके कारण उन्हें वैश्विक स्तर पर हर किसी ने सराहा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन झेल रहे देश की आर्थिक हालत सुधारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। इसी आर्थिक पैकेज के बारे में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्तार से बताया। पीएम मोदी ने मंगलवार को देश के नाम अपने संबोधन में कहा था कि इस पैकेज का इस्तेमाल देश के हर वर्ग किसान, मजदूर, लघु उद्योगों और कामगारों की मददके लिए मदद किया जाएगा. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस की वजह से देश की आर्थिक गतिविधियों को ज्यादा नहीं रोका जा सकता है।

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