जयपुर। कोरोना महामारी के बीच किसानों को राहत देने की गहलोत सरकार की योजना 1 जून से अमलीजामा पहनेगी। 1 जून से प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ फसल रहन ऋण का वितरण होगा। किसानों को अपनी फसल गिरवी रखने पर महज 3 प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण मिलेगा। 7 प्रतिशत ब्याज सरकार वाहन करेगी। इसके लिए कृषक कल्याण कोष में हर साल राज्य सरकार द्वारा 50 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव नरेशपाल गंगवार ने अधिकारियों को इस संबंध में जरूरी दिशा निर्देश दे दिए हैं।
4 हजार ग्राम सेवा सहकारी समितियों को अधिकृत किया
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के मुताबिक ऋण वितरण के लिए 4 हजार ग्राम सेवा सहकारी समितियों को अधिकृत किया गया है। लघु एवं सीमान्त किसानों को 1.50 लाख रुपये और बड़े किसानों को 3 लाख रुपये रहन ऋण के रूप में मिलेंगे। कोरोना महामारी के बीच किसानों को राहत देने के लिए पिछले दिनों इस योजना को हरी झंडी दी गई थी। प्रदेश के लाखों किसान इस योजना से लाभान्वित हो सकेंगे।
तात्कालिक जरूरतें होंगी पूरी
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के मुताबिक किसान को अपनी उपज का 70 प्रतिशत ऋण मिलेगा और बाजार में अच्छे भाव आने पर किसान फसल को बेच सकेगा। यह ऋण मिलने से किसानों की तात्कालिक वित्तीय जरूरतें पूरी हो सकेंगी। सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव नरेशपाल गंगवार का कहना है कि इस योजना से जहां सहकारिता विभाग के विशाल नेटवर्क का उपयोग हो पाएगा वहीं अनुदान देने से किसानों का सीधा जुड़ाव सहकारी समितियों से और मजबूत होगा।
हर साल 2 हजार करोड़ रुपये रहन ऋण देने की मंशा
सरकार की मंशा हर साल 2 हजार करोड़ रुपये रहन ऋण के रूप में देकर किसानों की मदद करने की है। यह देश की एक यूनिक योजना है। सीमांत किसान से मतलब 1 हेक्टेयर से कम भूमि वाले किसान से है जबकि लघु किसान से मतलब उस किसान से है जिसके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है।

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