शुक्रवार, 15 मई 2020

अशोक गहलोत ने बदला भाजपा का फैसला

जयपुर। राजस्थान  में अब निशुल्क शिक्षा और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 (RTE Act) के तहत 2.5 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले अभिाभावक भी अपने बच्चों को मुफ्त पढ़ा सकेंगे। वे निजी स्कूलों में भी यह लाभ उठा सकेंगे। आरटीई के तहत प्रवेश के लिए अब 1 लाख की जगह 2.5 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी वाले अभिभावकों के बच्चों को भी फायदा होगा। सीएम अशोक गहलोत  ने आय सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बीजेपी राज में आय सीमा 2.5 लाख से घटाकर एक लाख रुपए कर दी गई थी। अब अशोक गहलोत ने इसे फिर से पहले जितना कर दिया है।

निजी स्कूलों में प्रवेश ले सकेंगे गरीब और वंचित वर्गों के अधिक बच्चे

आय सीमा बढ़ाने से गरीब और वंचित वर्गों के अधिक बच्चे निजी स्कूलों में प्रवेश ले सकेंगे। पहले एक लाख रुपए की आय सीमा होने से हजारों बच्चे इस योजना से बाहर हो गए थे। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों शिक्षा विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने इस बात पर बल दिया था कि आरटीई की भावना के अनुरूप जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को लाभ दिए जाने की जरूरत है।

कांग्रेस ने किया था आय सीमा को बढ़ाने का वादा


गहलोत ने इस बात पर चिंता व्यक्त की थी कि अभिभावकों की आय सीमा घटाने के फैसले के कारण जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को गैर सरकारी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा ग्रहण करने का अवसर नहीं मिल पा रहा है, जो कि इस अधिनियम की मूल भावना के विपरीत है। सीएम ने पिछले सप्ताह की वीसी में आय सीमा बढ़ाने की मौखिक मंजूरी दे दी थी। शुक्रवार को सीएम ने इसकी लिखित मंजूरी दे दी।  भाजपा राज के दौरान जब आय सीमा घटाई गई थी, उस वक्त भी कांग्रेस ने फैसले पर सवाल उठाए थे और सरकार बनने पर आय सीमा को बढ़ाने का वादा किया था।

 शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने बताया कि शिक्षा के अधिकार आरटीई एक्ट के तहत पिछली सरकार ने निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश के लिए आय सीमा को ढाई लाख से घटाकर 1 लाख कर दिया था, जिसके चलते जरूरतमंद परिवारों के बच्चे गैर-सरकारी स्कूलों में शिक्षा से वंचित हो रहे थे।  

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