प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात रेडियो कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने आयुष्मान भारत योजना का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि किस तरह से इस योजना में पोर्टेबिलिटी की सुविधा उपलब्ध है। प्रधानमंत्री ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के साथ एक बड़ी विशेषता पोर्टेबिलिटी की सुविधा है।
पोर्टेबिलिटी ने देश को एकता के रंग में रंगने में मदद की है। मतलब यदि बिहार का कोई गरीब चाहे तो उसे कर्नाटक में भी वैसी ही सुविधा मिलेगी जो उसे अपने राज्य में मिलती है। ठीक इसी तरह महाराष्ट्र का कोई गरीब चाहे तो उसे इलाज की वही सुविधा तमिलनाडु में भी मिल सकती है।
इस योजना की वजह से किसी भी क्षेत्र में जहां स्वास्थ्य की व्यवस्था कमजोर है। वहां के गरीब को देश के किसी भी कोने में बेहतर इलाज की सुविधा मिल सकती है। आयुष्मान भारत योजना के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारे देश में करोड़ों-करोड़ गरीब, दशकों से एक बहुत बड़ी चिंता में रहते आए हैं- अगर बीमार पड़ गए तो क्या होगा? इस चिंता को दूर करने के लिए ही करीब डेढ़ साल पहले आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई थी। कुछ ही दिन पहले आयुष्मान भारत के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ के पार हो गई है।'
आयुष्मान भारत ने बचाए गरीब के पैसे
प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं आयुष्मान भारत के सभी लाभार्थियों के साथ-साथ मरीजों का उपचार करने वाले सभी डॉक्टरों-नर्सों और मेडिकल स्टाफ को बधाई देता हूं।' आयुष्मान भारत योजना के एक करोड़ लाभार्थियों में से लगभग 80 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। इसमें से भी 50 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं और बेटियां हैं। इन लाभार्थियों में ज्यादातर ऐसी बीमारी से पीड़ित थे जिनका सामान्य दवाओं से इलाज संभव नहीं था।
चक्रवाती तूफान अम्फान का भी किया जिक्र
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए चक्रवाती तूफान अम्फान का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘एक तरफ हम महामारी से लड़ रहें हैं, तो दूसरी तरफ हमें हाल में पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में प्राकृतिक आपदा का भी सामना करना पड़ा है। पिछले कुछ हफ्तों के दौरान हमने पश्चिम बंगाल, ओडिशा में चक्रवात अम्फान का कहर देखा। हालात का जायजा लेने के लिए मैं पिछले हफ्ते ओडिशा, पश्चिम बंगाल गया था। पश्चिम बंगाल और ओडिशा ने बड़ी ही हिम्मत और बहादुरी के साथ हालात का सामना किया है।’

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें