मंगलवार, 26 मई 2020

आमजन को मिली बड़ी राहत, अब शादी-समारोह के लिए अनुमति की जरुरत नहीं

जयपुर। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार लॉकडाउन 4.0  में लगातार रियायतें दे रही है। सोमवार को प्रदेश में पान-तंबाकू आदि की दुकानें खोलने की अनुमति के बाद अब मंगलवार को विवाह समारोह  के लिए भी राहत दी गई है। अब विवाह समारोह के लिए उपखंड अधिकारी (SDM) से अनुमति की जरुरत नहीं होगी। सरकार ने अनुमति लेने की पाबंदी हटा ली है। अब उपखंड अधिकारी को विवाह समारोह के लिए सिर्फ पूर्व में सूचना देनी होगी, लेकिन इसमें 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। राज्य सरकार ने विवाह समारोह के लिए अनुमति लेने संबधी निर्देशों में संशोधन कर दिया है। गृह विभाग (ग्रुप-9) ने लॉकडाउन-4 की संशोधित गाइडलाइन के आदेश जारी कर दिए हैं। कर्फ्यूग्रस्त इलाकों को छोड़कर शेष सभी जोन में ये आदेश लागू होंगे।

सरकार ने बढ़ाया छूट का दायरा

लॉकडाउन की शुरुआत में विवाह समारोह के लिए एसडीएम से अनुमति लेने का प्रावधान किया गया था। सरकार ने विवाह संबंधी समारोह के लिए पाबंदियां लगाई थी। बिना उपखंड अधिकारी की अनुमति के बिना कोई व्यक्ति विवाह समारोह आयोजित नहीं कर सकते थे। लेकिन अब सरकार ने छूट का दायरा बढ़ा दिया है। आम लोगों की कठिनाइयों को देखते सरकार ने विवाह के इच्छुक लोगों को बड़ी राहत प्रदान की है। गहलोत सरकार का प्रयास है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान आम लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इसी के मद्देनजर सरकार ने धीरे धीरे लगी पाबंदियां हटाना शुरू कर दिया है। 

50 लोगों को ही विवाह समारोह में शामिल होने की अनुमति


इस दायरे के बढ़ने के बाद भी वर एवं वधू पक्ष को मिलाकर अधिकतम 50 लोगों को ही विवाह में शामिल हो सकेंगे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग से कोई समझौता नहीं हो सकेगा। पहले लॉकडाउन में बिना सूचना शादी करने पर 5 हजार व 50 से अधिक लोग शामिल होने पर 10 हजार जुर्माना का प्रावधान किया गया था। अब सरकार ने अनुमति का प्रावधान हटा दिया है, लेकिन 50 से अधिक लोगों के शामिल होने पर 10 हजार जुर्माने का प्रावधान यथावत है। लॉकडाउन के चलते राज्य में काफी मांगलिक कार्य प्रभावित हुए थे। अक्षय तृतीया के अबूझ सावे पर प्रदेश में बड़ी संख्या में शादी समारोह कैंसिल कर दिए गए थे।

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